प्रदेश की आर्थिकी में 5 हजार करोड़ का योगदान देने वाला सेब कारोबार खतरे में हैं। बागबानों की समस्याओं को अनदेखा कर प्रदेश सरकार सेब बागवानी को खत्म कर रही है। यह बात कांग्रेस उपाध्यक्ष नरेश चौहान ने शिमला में कही।
नरेश चौहान ने कहा की सरकार की अनदेखी के कारण सेब बागबानों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। महंगाई के दौर में कार्टन, ग्रेडिंग, पैकिंग, भाड़ा मिलाकर 20 से 25 किलो की पेटी को मंडी तक पहुंचाने में 300 से 400 रुपए तक की लागत आ रही है। खाद् और अन्य कीटनाशकों की कीमतें दोगुनी हो गई हैं। इन पर मिलने वाली सब्सिडी बीजेपी सरकार ने खत्म कर दी।
उन्होंने कहा की सरकार की कीमतों पर कोई नियंत्रण नहीं रहा है जिससे बागवानों को दिक्क़तों का सामना करना पड़ रहा है। अगर ऐसा ही रहा तो सेब इंडस्ट्री से जुड़े लाखों लोगों को इससे पलायन करना पड़ेगा। बागवान लगातार सड़कों पर हैं लेकिन सरकार गहरी नींद से बाहर नहीं आ रही है।