कोरोना काल में करीब 2 साल तक मैक्लोडगंज स्थित अपने आवास पर रहने के बाद तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा धर्मशाला से लद्दाख के किए रवाना हो गए हैं. कोरोना काल के बाद धर्मशाला से बाहर उनकी यह पहली यात्रा है. वहीं, तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा के लद्दाख दौरे को लेकर चीन की उन पर पूरी नजर है. चीन हमेशा उनके लद्दाख दौरे का विरोध करता आया है. सुचना के आधार पर आज रात दलाईलामा जम्मू में ठहरेंगे. इसके बाद शुक्रवार सुबह लद्दाख के लिए रवाना हो जाएगें. लम्बें समय से दलाईलामा को देखने के लिए लद्दाख में रह रहें लोग काफी उत्साहित हैं. कोरोना महामारी के कारण लम्बे समय से दलाईलामा धर्मशाला से बाहर नही गए थे. उन्होंने मैक्लोडगंज स्थित अपने आवास में खुद को आइसोलेट कर लिया था. इस दौरान उनका किसी से भी मिलना जुलना नहीं होता था.
पिछले महीने लद्दाख के बौद्ध संघ के प्रतिनिधियों ने मैक्लोडगंज में उनसे मुलाकात की थी. संघ के प्रतिनिधियों ने दलाईलामा को लद्दाख आने का निमंत्रण दिया था, जिसे उन्होंने स्वीकार किया था. तिब्बती बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा ने 2018 में लद्दाख अपना जन्मदिन मनाया था. उस दौरान भी चीन भारत के प्रति भड़क उठा था. जुलाई के पहले सप्ताह में दलाईलामा के जन्मदिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई दी थी. उस पर भी चीन ने कड़ी नाराजगी जताई थी. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा था कि भारत को चीन के आंतरिक मामलों में दखल देने से परहेज करते हुए तिब्बत से जुड़े मुद्दों का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए. ऐसे में तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा के लद्दाख दौरे को लेकर चीन एक बार फिर भड़क सकता है.