चम्बा का अंतरराष्ट्रीय ऐतिहासिक मिंजर मेला शुरू हो गया है. राज्यपाल राजिंद्र विश्वनाथ द्वारा चम्बा के ऐतिहासिक चौगान मैदान में ध्वजारोहण के साथ अंतरराष्ट्रीय मिंजर मेले का आगाज किया गया. मिंजर मेला आज से 31 जुलाई तक चलेगा. आज सुबह नगर परिषद कार्यालय से एक शोभायात्रा निकली जो लक्ष्मी नारायण मंदिर से होती हुई अखंड चंडी महल पहुंची. उसके बाद से ये मेला शुरु हो गया. मिर्ज़ा परिवार द्वारा बनाई गई जरी के गोटे की मिंजर को भगवान लक्ष्मी नारायण को अर्पित किया गया. उसके बाद अखंड चंडी महल में भगवान रघुवीर को मिंजर अर्पित और शोभा यात्रा ऐतिहासिक चम्बा चौगान में पहुंची जहां पर महामहिम राज्यपाल द्वारा ध्वजारोहण किया गया.
अंतर्राष्ट्रीय मिंजर मेले की विशेषता यहां ये भी है कि लक्ष्मीनारायण मंदिर तथा रघुनाथ जी के मंदिर में चढ़ाई जाने वाली पहली मिंजर को मुस्लिम परिवार द्वारा ही तैयार किया जाता है. कश्मीरी मोहल्ला निवासी ऐजाज मिर्जा ने बताया कि उनके पूर्वज मिर्जा शफी बेग जरी (गोटे) के कुशल कारीगर थे. मिर्जा शफी बेग ने अपनी सूझबूझ का परिचय देते हुए धान की असली मिंजर का प्रारूप के रूप में जरी और सोने की तारों से आकर्षक मिंजर तैयार कर राजा पृथ्वी सिंह को भेंट की थी. जिसे देखकर राजा बहुत प्रसन्न हुए.उनके द्वारा बनाई गई सुच्चे गोटे की पहली जरी मिंजर भगवान लक्ष्मीनाथ और रघुवीर भगवान को चढ़ाई गई. तब से लेकर आज तक यह पर परम्परा कायम है.
राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने लोगों को मिंजर मेले की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वह एक दिन पहले ही चम्बा में पहुंचे हैं और यहां पर कई लोगों से मिले हैं. उन्होंने कहा कि चम्बा की एक अपनी अलग ही पहचान है. यहां का खानपान ,रीति रिवाज और यहां की संस्कृति पूरी दुनियां में अपने में अलग ही पहचान बनाए हुए हैं. चम्बा का रुमाल चम्बा चप्पल जिसे अब जियो टैग भी मिलने वाला है साथ ही यहां की और भी कलाएं हैं जो पूरी दुनिया में मशहूर है और इन्हें सँजो रखने की भी जरूरत है.