सरकार गरीबों की बेबसी दूर करने के लिए कई योजनाएं चला रही है, लेकिन सत्तासीन नेताओं द्वारा जनता की उपेक्षा व नौकरशाही की लापरवाही के चलते बेबस गरीबों के लिए सरकार की जन कल्याणकारी योजनाएं भी बेबसी का पर्याय बनती जा रही हैं......
कुछ ऐसी ही दर्दनाक तस्वीर इंदौरा विधानसभा क्षेत्र में देखने को मिली… जहां ग्राम पंचायत चलोह के गांव भरलाड की रहने वाली शारदा देवी व उनका परिवार जर्जर हालत में रहने को मजबूर है. शारदा देवी के मकान की हालत इतनी जर्जर हो चुकी है.
पिछले कुछ दिनों से बारिश के चलते मकान को खतरा पैदा हो गया है जो कि किसी भी समय गिर सकता है.
शारदा देवी ने बताया कि उनके परिवार में 7 सदस्य हैं जो वर्तमान में बीपीएल की सूची में है लेकिन बीपीएल में होने के बावजूद उनको सरकार से कोई आर्थिक मदद नहीं मिली है और न ही प्रशासन से मदद मिली है. जिससे उसका परिवार आर्थिक तौर पर टूट चुके हैं.
शारदा देवी के परिवार में उनका पति , चार बच्चे , तथा उनकी सास है और उनकी सास भी अपंग है. सरकारी अपेक्षा के चलते सभी परिवार सदस्य जर्जर हालत में रहने को मजबूर हैं शारदा देवी तथा उनके परिवार ने सरकार से आर्थिक मदद की गुहार लगाई है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उनका मकान बनाया जाए.