श्रीकृष्ण का जन्महोत्वस यानी जन्माष्टमी का त्योहार आने वाला है. मथुरा-वृंदावन समेत उत्तर भारत में कई जगहों पर ये त्योहार बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है. श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में रात 12 बजे हुआ था. इस साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी गुरुवार, 18 अगस्त को मनाई जाएगी. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान कृष्ण की 16,108 पत्नियों और उनके डेढ़ लाख से ज्यादा पुत्र थे.
18 अगस्त को भाद्रकाल कृष्ण पक्ष अष्टमी की तिथि रात में करीब 9:22 बजे शुरू हो जाएगी और अगले दिन यानी 19 अगस्त की रात्रि 10:59 मिनट तक रहेगी. ऐसे में वैष्णव मत और स्मार्त मत को मनाने वाले लोग अलग-अगल दिन जन्माष्टमी मनाएंगे. इस बार जन्माष्टमी 18 अगस्त के दिन ध्रुव वृद्धि योग का निर्माण भी हो रहा है. 18 अगस्त की रात में 8:42 तक रहेगा इसके बाद ध्रुव योग शुरू होगा, जो 19 अगस्त रात 8:59 मिनट तक रहेगा. हिंदू धर्म में ये योग बेहद खास माने गए हैं. इस योग में किए गए कार्यों का परिणाम शुभ होता है.
इस बार कृष्ण जन्माष्टमी 18 अगस्त को मनाई जाएगी. अष्टमी तिथि 18 अगस्त को शाम 9: 20 मिनट से प्रारंभ होगी और 19 अगस्त को रात 10: 59 मिनट पर समाप्त होगी. निशीथ पूजा 18 अगस्त की रात 12:03 मिनट से लेकर 12:47 मिनट तक रहेगी. निशीथ पूजा की कुल अवधि 44 मिनट की होगी. पारण 19 अगस्त को सुबह 5: 52 मिनट के बाद होगा.
इस वर्ष जन्माष्टमी की तिथि को लेकर काफी मतभेद है. कोई 18 अगस्त तो कोई 19 अगस्त को जन्माष्टमी होने का दावा कर रहा है. कुछ विद्वानों का मत है कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि को रात 12 बजे हुआ था तो ये योग 18 अगस्त को बन रहा है. जबकि कुछ का मानना है कि 19 अगस्त को पूरे दिन अष्टमी तिथि रहेगी और इसी तिथि में सूर्योदय भी होगा. इसलिए जन्माष्टमी 19 अगस्त को मनाई जाएगी, लेकिन धार्मिक दृष्टि से देखा जाए तो श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि को रात 12 बजे हुआ था. इसलिए यह त्योहार 18 अगस्त को ही मनाया जाएगा.
शुभ मुहूर्त
जन्माष्टमी तिथि- वीरवार 18 अगस्त 2022
अष्टमी तिथि का आरंभ- 18 अगस्त, रात्रि 09:22 मिनट से
अष्टमी तिथि की समाप्त- 19 अगस्त, रात्रि 10:59 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त 12:05 मिनट से 12:56 मिनट तक