मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की सीमा पर यमुना की एक सहायक नदी टोंस नदी पर प्रस्तावित राष्ट्रीय महत्व की किशाऊ बांध परियोजना के क्रियान्वयन के संबंध में आज दिल्ली में एक बैठक में वर्चुअल माध्यम से भाग लिया. केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में जय राम ठाकुर चौपाल के नेरवा क्षेत्र से वर्चुअल माध्यम से जुड़े. इस बैठक में हरियाणा और उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों ने भी भाग लिया.
इस अवसर पर जय राम ठाकुर ने केंद्र सरकार से इनपुट पॉवर लागत को 2.30 रुपये प्रति किलोवाट ऑवर पर स्थिर रखने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि इससे बिजली घटक लागत को कम रखा जा सकेगा और हिमाचल प्रदेश इसे वहन कर सकेगा.
जय राम ठाकुर ने कहा कि इस परियोजना से उत्पन्न बिजली हिमाचल प्रदेश और उत्तराखण्ड के मध्य समान रूप से बांटी जाएगी. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार जल घटक की 90 प्रतिशत और लाभान्वित राज्य 10 प्रतिशत लागत वहन करेंगे. हिमाचल प्रदेश और उत्तराखण्ड सरकारों ने पहाड़ी राज्यों के सीमित बजट संसाधनों और अन्य राज्यों की तुलना में कम लाभ के दृष्टिगत केन्द्र सरकार द्वारा ऊर्जा घटक की 90 प्रतिशत लागत को वित्तपोषित करने का भी आग्रह किया है.
उन्होंने केन्द्रीय मंत्री से इस परियोजना में लागत वृद्धि के बचने के लिए इस मामले में तेजी लाने का आग्रह किया. क्योंकि हिमाचल और उत्तराखण्ड की सरकारें राहत और पुनर्वास संबंधी मामलों का भी वहन करेगी.
केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने सभी हितधारक राज्यों के मुख्यमंत्रियों से राष्ट्रीय महत्व की इस परियोजना पर समन्वय सुनिश्चित करने का आग्रह किया ताकि इस परियोजना पर शीघ्र कार्य शुरू किया जा सके. इस अवसर पर जल शक्ति विभाग के सचिव अजय शर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.