आज देश में 28 सितंबर को भगत सिंह का 115वा जन्मदिन मनाया जा रहा है वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया है कि अमर बलिदानी शहीद-ए-आज़म सरदार भगत सिंह जी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन. हम सब 130 करोड़ भारतीयों को एक साथ मिलकर भगत सिंह जी के सपनों का भारत बनाना है, भारत को दुनिया का नम्बर-1 देश बनाना है.
अमर बलिदानी शहीद-ए-आज़म सरदार भगत सिंह जी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन। हम सब 130 करोड़ भारतीयों को एक साथ मिलकर भगत सिंह जी के सपनों का भारत बनाना है, भारत को दुनिया का नम्बर-1 देश बनाना है। pic.twitter.com/ks7xntqZpU
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) September 28, 2022
आपको बता दें कि भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में क्रांतिकारियों का योगदान भगत सिंह का नाम लिए बिना पूरा नहीं हो सकता है. वे एक मात्र ऐसे क्रांतिकारी हैं. जो लोगों की सोच बदलने की सोचा करते थे.
भगत सिंह का जन्म पंजाब के लयालपुर के बांगा गांव में एक सिख परिवार में हुआ था. उनके पिता का नाम सरदार किशन सिंह और माता का नाम विद्यावती कौर था. उनका परिवार उनके पैदा होने के पहले ही क्रांतिकारी गतिविधियों में शामिल था.
खुद भगत सिंह के पिता और चाचा अजीत सिंह ने 1907 अंग्रेजों के कैनल कोलोनाइजेसन बिल खिलाफ आंदोलन में हिस्सा लिया था. भगत सिंह के मन में आजादी और देश प्रेम के बीज प्रमुख रूप से उनकी मां ने बोए थे.
भगत सिंह लालापत राय को बहुत मानते थे. लालाजी का भी भगत के प्रति खास स्नेह था. लालाजी का अक्सर किशन सिंह के घर आना होता था और वे भगत सिंह से मिलकर बातें जरूर किया करते थे. यह सिलसिला हमेशा चला रहा. भगत सिंह को क्रांतिकारी बनाने के पीछे सबसे बड़ा योगदान 1919 में हुए जलियांवाला बाग हत्याकांड था.