हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान उत्तराखंड मिलकर अनुसंधान कार्यों व परियोजनाओं पर काम करेंगे। साथ ही प्राध्यापकों और विद्यार्थियों के संयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर भी फोकस रहेगा। जिससे तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ावा मिल सकें और विद्यार्थियों का सर्वांगिण विकास हो सके। तकनीकी विवि और एनआईटी उतराखंड के बीच वीरवार को एमओयू (समझौता ज्ञापन) हुआ।
एमओयू में उद्देश्य तकनीकी विवि और एनआईटी उतराखंड के प्राध्यापकों और विद्यार्थियों के बीच प्रशिक्षण कार्यक्रमों को मिलकर बढ़ावा देना रहेगा। तकनीकी विवि के कुलपति प्रो शशि कुमार धीमान और एनआईटी उत्तराखंड के निदेशक प्रो ललित अवस्थी ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। एनआईटी उत्तराखंड के निदेशक ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए विभिन्न शिक्षण संस्थानों के साथ एमओयू हस्ताक्षर किए जा रहे हैं, जिससे अनुसंधान, नवाचार सहित अन्य शैक्षणिक गतिविधियों को एक-दूसरे संस्थानों के साथ साझा किया जा सके या संयुक्त रूप से किया जा सके। इससे प्राध्यापकों और विद्यार्थियों को एक-दूसरे संस्थानों को शैक्षणिक गतिविधियों की जानकारी मिल पाएगी।
वहीं, तकनीकी विवि के कुलपति ने कहा कि आने वाले समय में एनआईटी उत्तराखंड के साथ अनुसंधान परियोजनाओं, पीएचडी छात्रों के संयुक्त पर्यवेक्षण, संयुक्त कार्यशालाओं, सम्मेलनों और संगोष्ठियों आदि कर आयोजन किया जाएगा, जिन्हें दोनों संस्थानों संयुक्त रूप से आयोजित करेंगे। इसके अलावा एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत छात्रों को विशेष एक्सचेंज छात्रों के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा। विशेष विनिमय छात्रों को क्रेडिट/ऑडिट पर पाठ्यक्रम लेने के साथ-साथ अनुसंधान गतिविधियों/इंटर्नशिप/परियोजना कार्य में भाग लेने की अनुमति दी जाएगी।
एमओयू के तहत एक-दूसरे संस्थानों में छात्रों के प्रवेश या ट्यूशन फीस की आवश्यकता नहीं होगी। पाठ्यक्रम क्रेडिट और अर्जित ग्रेड मेजबान संस्थान से ग्रेड रिपोर्ट के आधार पर गृह संस्थान द्वारा निर्धारित किए जाएंगे। इस मौके पर तकनीकी विवि के अधिष्ठाता शैक्षणिक प्रो जयदेव, कुलसचिव अनुपम कुमार, एनआईटी उत्तराखंड के अधिष्ठाता शोध डॉ. हरिहरन मुथुसामी, अधिष्ठाता डॉ. धर्मेंद्र त्रिपाठी विशेष रूप से उपस्थित रहे।