कोटखाई के बहुचर्चित गुड़िया रेप मर्डर प्रकरण में सामाजिक संगठनों ने जांच एजेंसी सीबीआई के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सामाजिक संगठन मदद सेवा संस्था सहित कुछ अन्य संगठनों के कार्यकर्ता मंगलवार को राजधानी शिमला में सीबीआई ऑफिस के बाहर धरने पर बैठ गए हैं। सीबीआई जांच में तेजी लाने की मांग को लेकर सामाजिक संगठन यह धरना दे रहे हैं। इसे "CBI चुप्पी तोड़ो आंदोलन" का नाम दिया गया है।
मदद सेवा संस्था के सदस्य विकास थापटा ने बताया कि गुड़िया केस की स्टेटस रिपोर्ट 17 अगस्त को हाईकोर्ट में सौंपी जाएगी, तब तक सीबीआई कार्यालय के बाहर रोजाना दो घंटे का धरना दिया जाएगा। इससे पहले संस्था शिमला के रिज मैदान पर दो हफ्ते का क्रमिक अनशन कर चुकी है।
थापटा ने कहा कि 2 अगस्त को ठोस साक्ष्य जुटाने के लिए सीबीआई ने उच्च न्यायालय से 15 दिनों का अतिरिक्त समय लिया है। 15 दिन की सीबीआई जांच में यदि परिजन संतुष्ट ना हुए तो यह आंदोलन और उग्र होगा। यही नहीं जरूरत पड़ने पर इस आंदोलन को आमरण अनशन के रूप में भी तबदील किया जाएगा।