हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल में सोलन के विधायक डा. कर्नल धनीराम शांडिल के कैबिनेट रैंक के मंत्री बनने की संभावना फिर प्रबल हो गई है। सूत्रों के अनुसार दिल्ली में कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के हस्तक्षेप के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े के साथ डा. धनीराम शांडिल की अकेले में बैठक हुई है.
डा. शांडिल की वरिष्ठता और पार्टी में उनके कद को देखते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष ने इस पर संज्ञान लिया है। जानकारी के मुताबिक डा. धनीराम शांडिल को मंत्रिमंडल में शामिल करने के पीछे उनके साथ कई प्रकार के कोटे भी बताए जा रहे हैं। वह प्रदेश में अनुसूचित जाति से संबंध रखने वाले कद्दावर नेता हैं तथा अकेले ऐसे नेता हैं, जो कि आर्मी की पृष्ठभूमि से आते हैं.
पता चला है कि डा. शांडिल की प्रोफाइल पर राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ चर्चा में उन्हें यह भी बताया गया कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी को संचालित करने वाली 16 सदस्यीय सर्वोच्च संस्था सीडब्ल्यूसी के पूरे उत्तरी भारत से वह सदस्य भी रह चुके हैं। इसके अतिरिक्त डा. शांडिल मिज़ोरम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय जैसे नॉर्थ इस्ट के राज्यों के जनरल सेक्रेटरी इंचार्ज भी रहे हैं.
उनके पक्ष में यह बात भी जाती है कि दो बार सांसद, दो बार विधायक व मंत्री पद पर भी रहते हुए एक भी आपराधिक व भ्रष्टाचार का मामला उनके खिलाफ नहीं है। सोलन में उन्होंने लगातार तीसरी बार विधायक निर्वाचित होने के साथ भाजपा शासनकाल में कांग्रेस समर्थित नगर निगम का गठन भी उन्होंने करवाया है.
मंत्रिमंडल के लिए जारी है माथापच्ची….
सोलन के विधायक डा. धनीराम शांडिल का नाम अनुसूचित जाति कोटे से इसलिए भी आगे चल रहा है, क्योंकि शिमला संसदीय क्षेत्र में सोलन से डा. धनीराम शांडिल, कसौली से विनोद सुल्तानपुरी, रेणुकाजी से विनय कुमार, रोहड़ू से मोहन लाल ब्राक्टा आरक्षित सीट से विजयी होकर आए हैं। मंत्रिमंडल में शिमला से पहले ही विक्रमादित्य, अनिरुद्ध सिंह, कुलदीप राठौर व रोहित ठाकुर में एडजस्ट करने के लिए माथापच्ची हो रही है