अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने हिमाचल प्रदेश में अपने को-ऑप्टेड सदस्यों की घोषणा कर दी है। 10 लोगों की इस सूची में पूर्व मंत्री और पूर्व सीपीएस के साथ-साथ नए युवा चेहरों को जगह दी गई है। राहुल गांधी द्वारा चयनित टॉप-10 लोगों में कुलदीप कुमार, राकेश कालिया, सुधीर शर्मा, सुनील कुमार शर्मा, नरेश चौहान, संजय अवस्थी, राजेश धर्माणी, रोहित ठाकुर, नमिता चौधरी और रघुवीर सिंह बाली के नाम शामिल हैं। गौरतलब हैं कि आरएस बाली के पिता जीएस बाली पहले से ही AICC के इलेक्टेड मेंबर हैं। अब पिता-पुत्र दोनों ही AICC के सदस्य हो गए हैं।
सूची में आरएस बाली सबसे युवा चेहरा
अखिल भारतीय कांग्रेस में हिमाचल की तरफ से टॉप-10 को-ऑप्टेड सदस्यों में सबसे युवा चेहरा रघुवीर सिंह बाली का है। आरएस बाली प्रदेश के कद्दावर नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री जीएस बाली के बेटे हैं। हालांकि, अभी तक आरएस बाली चुनावी राजनीति में सक्रिय नहीं हैं, लेकिन माना जा रहा है कि संगठन स्तर पर उनके बेहतर काम को देखते हुए पार्टी ने यह जिम्मेदारी सौंपी है। आरएस बाली इससे पहले पार्टी में जनरल सेक्रेटरी भी रह चुके हैं। प्रदेश की तरफ से इस जिम्मेदारी को ग्रहण करने वाले वे सबसे युवा चेहरा हैं।
को-ऑप्टेड सदस्यों को शामिल करने की असल पहल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के रेक्मेंडेशन पर की गई है।
कांग्रेस की सेकंड ब्रिगेड है यह सूची!
इससे पहले ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी ने हिमाचल प्रदेश में इलेक्टेड नेताओं की सूची जारी की थी। जिनमें, वीरभद्र सिंह, ठाकुर कौल सिंह और जीएस बाली समेत चुनिंदा वरिष्ठ नेता शामिल थे। लेकिन, अब को-ऑप्टेड लिस्ट को पार्टी का सेकंड ब्रिगेड माना जा रहा है। जानकारों का मानना है कि कांग्रेस हिमाचल प्रदेश में समय रहते, वरिष्ठ नेताओं के अलावा युवा अनुभवी चेहरों की एक फेहरिस्त तैयार कर लेना चाहती है। इन युवा चेहरों पर ही पार्टी का दारोमदार तय रहेगा।
कांग्रेस के इलेक्टेड और को-ऑप्टेड मेंबरों में क्या है अंतर?
कांग्रेस के संगठन में ये दोनों ही ब्रिगेड शीर्ष माने जाते हैं। हिमाचल प्रदेश से इलेक्टेड सदस्यों में कुल 7 लोगों के नाम हैं। इनमें वीरभद्र सिंह, विद्या स्टोक्स, जीएस बाली, कौल सिंह ठाकुर, आनंद शर्मा, विप्लव ठाकुर, सुखविंदर सिंह सुक्खू और आशा कुमारी के नाम शामिल हैं। ये सदस्य बकायदा चुनाव प्रक्रिया के तहत चुने जाते हैं और इन्हें संगठन के विभिन्न पदों पर होने वाली नियुक्तियों जिनमें अध्यक्ष का पद भी शामिल हैं, उसमें वोट देना का अधिकार होता है।
जबकि, को-ऑप्टेड मेंबर पार्टी के अध्यक्ष द्वारा चुने गए लोग होते हैं। इन्हें भी पार्टी की शीर्ष गतिविधियों में शामिल होने का मौका मिलता है। इनकी कार्यशैली और जिम्मेदारी काफी हद तक इलेक्टेड मेंबर्स की तरह ही होती है।