हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के आठवें दिन की कार्यवाही 11 बजे शुरू हुई। प्रश्नकाल में पहला सवाल चम्बा के कांग्रेसी विधायक पवन नैय्यर ने लोक निर्माण विभाग का मुख्यमंन्त्री जय राम ठाकुर से पूछा। नैय्यर ने पूछा की 19 अक्टूबर 2017 को परेल पुल गिर गया था सरकार इसका पुनः निर्माण कब तक करवाने का विचार रखती है। क्योंकि इस पुल के गिर जाने से 100 पंचायतों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। सदस्य पवन नैय्यर के सवाल के जबाब में मुख्यमन्त्री जय राम ठाकुर ने पुल के निर्माण को शीघ्र कराने का आश्वासन दिया।
दुसरा सवाल रामपुर के कांग्रेसी विधायक नन्द लाल ने कृषि मन्त्री राम लाल मार्कंडेय से पूछा कि रामपुर में सब्ज़ी मंडी निर्माण का कोई प्रस्ताव है। यदि हाँ तो इसकी अनुमानित राशि क्या है? इस सब्ज़ी मंडी का नक्शा कब तक बनकर तैयार हो जाएगा? जबाब में कृषि मंत्री राम लाल मार्कंडेय ने बताया कि रामपुर में सब्ज़ी मंडी निर्माण का प्रस्ताव है। लेकिन इस पर कितना खर्च होगा इसकी योजना तैयार की जाएगी। जिसकी प्रक्रिया चालू है। उन्होंने कहा कि सब्ज़ी मंडी का निर्माण वहीं होना चाहिए जहाँ जरूरत है। एक सब मार्केट यार्ड जो रामपुर में चल रही है उसपर 70 लाख खर्च हुआ लेकिन सालाना 6 लाख ही आय आ रही है। नंद लाल ने पूछा कि रामपुर में इस तरह का कोई यार्ड है ही नही ? इस पर मंत्री ने बताया कि वह खुद मौके पर जाकर मुआयना करेंगे।
चिंतपूर्णी के भाजपा विधायक बलबीर सिंह ने वन मंत्री से पूछा कि पिछले तीन सालों में जंगलों में हुई आगजनी से कितना नुकसान हुआ। साथ ही इस आगजनी से जंगलों को बचाने के लिए किस तरह के कदम वन विभाग की तरफ से उठाए जा रहे है। प्रश्न के उत्तर में वन मंत्री गोविन्द ठाकुर ने बताया कि 2014-15 में आगजनी की 725 दुर्घटनाएं सामने आई जिसकी वजह से 6726.7 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ जबकि 113.27 लाख रुपये का नुकशान हुआ। वर्ष 2015-16 में 672 आगजनी की दुर्घटनाएं पेश आई जिसमें 5749.6 हैक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ और 134.78 रुपये की हानि हुई। जबकि वर्ष 2016-17 में 1832 आग के मामले सामने आए और 19535.8 हैक्टेयर वन भूमि क्षेत्र आग से प्रभावित हुआ। जबकि 350.68 लाख का नुकशान आंका गया। इस पर अनुपूरक सवाल को आगे बढ़ाते हुए किन्नौर के विधायक जगत नेगी एवम नूरपूर के विधायक राकेश पठानिया ने पूछा कि जंगलों में जो आग लगाई जाती है इससे जंगलों को बचाने के लिए क्या किया जा रहा है। मन्त्री ने बताया कि विभाग इसको लेकर कई जागरूकता अभियान चलाए जा रहे है । इसी कड़ी में 12 दिन की मैराथन भी आज शिमला से शुरू की गई है। आगजनी के जबाब पर मुख्यमंन्त्री जय राम ठाकुर ने बताया कि सरकार आगजनी को लेकर काफी गंभीर है इसलिए आग को बुझाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे है।
इसके बाद ठियोग के माकपा विधायक राकेश सिंघा ने मुख्यमंन्त्री से विकेंद्रीकरण योजना के पैसे के खर्च लो लेकर जबाब मांगा। उन्होंने पूछा कि योजना के तहत शिमला जिला के लिए कितना पैसा वितरित किया गया। उन्होंने सवाल उठा कि योजनाओ का पैसा जनता तक नही पहुंच पा रहा है। जबाब में मुख्यमंन्त्री जय राम ठाकुर ने माना कि विकेंद्रीकरण योजना के पैसे का सही वितरण नही हो पा रहा है। बाबजूद इसके पिछले तीन वर्षी मैं योजना के तहत शिमला जिला में 51.79 करोड़ खर्च किया गया। समय रहते योजना को बनाने की जरूरत है ताकि इसका लाभ आम जन तक पहुंच सके। किन्नौर के विधायक जगत नेगी ने ऊर्जा मंत्री से पूछा गया कि लाडा का अध्यक्ष 2006 से स्थानीय विधायक रहा लेकिन इस बार राजनीतिक द्वेष के कारण लाडा का अध्यक्ष डीसी को बनाया गया है। ऐसा क्यों और क्या अब लाडा का अध्यक्ष अब बदला जाएगा। इस सवाल के जबाब में ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा ने बताया को 2009 के बाद कमेटी में डीसी को ही अध्यक्ष बनाया जाता तय हुआ। लेकिन 2012 से विधायक को लाडा का अध्यक्ष बनाया जा रहा है। लौहल स्पीति में भी इस तरह की व्यवस्था थी लेकिन पिछली सरकार ने इस नियम की अनदेखी की गई। बाबजूद इसके लाडा कमेटी की बैठक में स्थानीय विधायक को विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में रखा गया है इसलिए ये कहना गलत है कि कबायली क्षेत्रों के साथ भेदभाव हो रहा है।
इस सवाल पर विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री भी कूद पड़े और सरकार को नसीहत दी कि सरकार विधायकों की अनदेखी न करे। इस पर मुख्यमंन्त्री जय राम ठाकुर अपनी सीट से उठे और कहा कि पिछली सरकार में जब वह विपक्ष में थे तो कांग्रेस सरकार ने भाजपा विधायकों की एक नही सुनी। यहां तक कि उनकी शिलान्यास एवं उदघाटन की पट्टिकाएं तोड़ी गई..।