विधानसभा बजट सत्र की चर्चा के दौरान प्रदेश के शिक्षण संस्थानों को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोक हुई। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि प्रदेश के जिन स्कूलों में बच्चे नहीं हैं वह स्कूल बन्द किए जाएंगे। अभी तक बीजेपी सरकार ने एक भी स्कूल बन्द नहीं किया है। वहीं, स्कूल खोलने के लिए डेढ़ किलोमीटर की दूरी तय की गई है। इसके अलावा 25 बच्चे कम से कम प्राथमिक स्कूल में होने चाहिए।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि पिछली सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान 158 शिक्षण संस्थान बन्द किए गए और 109 संस्थान मर्ज किए। शिक्षा मंत्री ने ये जबाव शिमला ग्रामीण के कांग्रेस विधायक विक्रमदित्य सिंह द्वारा पूछे गए सवाल के जबाव में दिया।
इस जबाव से विपक्ष बिफर गया और विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने आरोप लगाया कि सरकार हर प्रश्न का सही जबाव देने के बजाए बीजेपी राजनीति कर रही है। इस पर सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के बीच हो रही तीख़ी नोंकझोंक को विधानसभा अध्यक्ष ने बीच बचाव में आकर शांत करने की कोशिश की।
इसी नोंकझोंक के बीच मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने सदन में कहा कि पिछली सरकार ने जिस तरह बिना बजट के एवं नियमों को ताक पर रखकर संस्थान खोले उसका सारा चिट्ठा उनके पास है। फिर भी सरकार सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर संस्थानों पर विचार करेगी।
वहीं कांगड़ा के विधायक पवन काज़ल ने शिक्षा मंत्री से प्रश्न किया कि क्या राजकीय महाविद्यालय मटौर की कक्षाए चल रही है। सरकार इसके भवन निर्माण की लिए क्या कर रही है। इसके अलावा काज़ल ने तकीपुर महाविद्यालय में विज्ञान की कक्षाओं की स्थिति का जबाव मांगा।
जबाव में शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बताया की राजकीय महाविद्यालय मटौर के भवन निर्माण हेतु 01,32,12 हेक्टेयर भूमि चयनित कर ली गई है। जबकि इसके लिए 11,10,66,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
जबकि तकीपुर में विज्ञान की कक्षाओं को चलाने का सरकार कोई विचार नहीं रखती है क्योंकि पिछली कांग्रेस सरकार ने तीन कमरों में ये महाविद्यालय शुरू किया था। अभी वहां 500 से कम छात्र हैं इसलिए वहां विज्ञान की की कक्षाएं शुरू नहीं की जा सकती