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मंडी: मिड डे मील वर्करों को न्यूनतम वेतन और छुटियां देने की मांग

बीरबल शर्मा |

मिड डे मील व्रकर्ज यूनियन सबंधित सीटू के खंड गोपालपुर की मीटिंग सरकाघाट और धर्मपुर की मीटिंग धर्मपुर में आयोजित की गई. जिनमें सीटू के ज़िला प्रधान भूपेंद्र सिंह तहसील कमेटी प्रधान दिनेश काकू,मान सिंह, बिमला देवी, निशु देवी, राणो देवी, निशा देवी, जमना देवी, रीना देवी, वीना देवी,प्रोमिला, बिमला, लत्ता देवी आदि कमेटी सदस्यों ने भाग लिया.
यूनियन ने मांग उठाई है कि मिड डे मील वर्करों को सरकार न्यूनतम वेतन नहीं दे रही है और केवल 133 रु दिहाड़ी ही दी जाती है. यूनियन ने वर्करों को 12250 रु मासिक वेतन की मांग की है.
उन्हें ये वेतन साल में 12 माह के बजाए 10 माह का ही दिया जाता है. हालांकि वर्ष 2019 में यूनियन की याचिका पर हिमाचल हाईकोर्ट ने उन्हें 12 माह का वेतन जारी करने के निर्देश दिये हैं. लेकिन उन्हें अभी तक लागू नहीं किया गया है.
जिसके ख़िलाफ अब यूनियन दोबारा विभाग के ख़िलाफ अवमानना याचिका दायर करेगी. वर्करों को किसी भी प्रकार की छुटियां नहीं दी जाती है और यदि किसी को इमरजेंसी हो तो उसे अपने बदले में किसी और को स्कूल में खाना बनाने के लिए भेजना पड़ता है.
यूनियन ने मांग की है कि इसके लिए केंद्रीय विद्यालय स्तर पर दो वर्कर अतिरिक्त होने चाहिए. जो किसी वर्कर के छुट्टी जाने पर उस स्कूल में खाना बना सकें. इसके अलावा 25 बच्चों की शर्त हटाई जाए और सभी स्कूलों में न्यूनत्तम दो दो वर्कर रखे जायें तथा बन्द हो रहे स्कूलों में कार्यरत वर्करों को दूसरे स्कूलों में एड्जस्ट किया जाये.
यूनियन केंद्र सरकार द्धारा मिड डे मील के बजट में की गई कटौती और खातों में राशी ट्रांसफर करने के विरोध में 5 अप्रैल को दिल्ली संसद भवन के बाहर विशाल प्रदर्शन करने जा रही है. जिसमें धर्मपुर और गोपालपुर से भी वर्कर भाग लेंगे. दिल्ली रैली से पूर्व 24 मार्च को संधोल 25 को मण्डप 27 को सजाओपीपलु और 28 को धर्मपुर में बैठकें आयोजित की जायेंगी.