मंडी: क्या प्रदेश भाजपा में किसी बड़े विस्फोट की तैयारी चल रही है या फिर बागियों द्वारा कभी बनाए गए मित्र मंडल के तर्ज पर मंच बनाने को लेकर कुछ पक रहा है। इसका संकेत बुधवार को उस समय मिला जब भाजपा के वरिष्ठ नेता जवाहर ठाकुर जो द्रंग से पिछली बार विधायक रहे हैं, जिनका इस बार टिकट काट दिया गया था व इससे पहले जिला भाजपा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं ने एक पत्रकार वार्ता के दौरान दिया। लगता है कि भाजपा के उपेक्षित नेता जय राम ठाकुर व उनकी समस्त टीम के खिलाफ एक मोर्चा खोलने की तैयारी में हैं और इसमें जवाहर ठाकुर सबसे पहले आगे आकर संकेत देकर गए हैं।
एक तरह से पूर्व विधायक जवाहर ठाकुर ने पूर्व मुख्यमंत्री जयराम समेत भाजपा के आला नेताओं के खिलाफ बगावत का बिगुल बजा दिया है। द्रंग से अपना टिकट काटे जाने से आहत जवाहर ठाकुर ने चुनाव के छह महीने बाद आखिर अपने मन की भड़ास निकालते हुए पूर्व सरकार व संगठन के नेतृत्व पर जुबानी हमला बोल दिया है। पत्रकारों से बात करते हुए जवाहर ठाकुर ने कहा कि पूर्व में भाजपा सरकार और संगठन प्राईवेट कंपनी की तरह कुछ लोगों के हाथ की कठपुतली बन कर रह गई थी। जिसकी वजह से मिशन रिपीट का सपना अधूरा ही रह गया है। जवाहर ठाकुर ने कहा कि एक तरफ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और प्रधानमंत्री जिस भी राज्य में चुनाव में जाते उसे जीत कर ही दम लेते।
वहीं पर 2021 में प्रदेश में भाजपा की सरकार होते हुए भी मंडी संसदीय क्षेत्र के अलावा तीन और विधानसभा क्षेत्रों के उप चुनाव में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। इसके बावजूद हाई कमान ने नेतृत्व परिवर्तन के बजाय विधानसभा चुनाव की कमान फिर उन्हीं लोगों को सौंप दी। जवाहर ठाकुर ने कहा कि करीब बीस विधानसभा क्षेत्रों में हार का मतलब सीधा था कि प्रदेश के लोगों को भाजपा का नेतृत्व रास नहीं आया था। उन्होंने कहा कि 2022 के चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 चुनावी रैलियां प्रदेश में की और उसी तरह राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी खूब रैलियां की इसके बवजूद पार्टी की फजीहत हुई।
उन्होंने कहा कि इन चुनावों में बाहरी नेताओं को गांव-गांव घुमाया गया, लेकिन हिमाचल के वरिष्ठ नेताओं शांता कुमार और प्रेम कुमार धूमल की अनदेखी की गई । उन्होंने कहा कि प्रदेश में भाजपा को खड़ा करने के लिए अपना जीवन लगाने वाले शांता कुमार, प्रेम कुमार धूमल, रमेश ध्वाला, महेश्वर सिंह,राम सिंह, चेतन ब्रागटा, प्रवीण शर्मा के अलावा 1998 में भाजपा की सरकार बनवाने वाले पं. सुखराम, गुलाब सिंह ठाकुर की अनदेखी की गई। तो अपनी ही सरकार में रहते हुए अनिल शर्मा को कई बार मंचों पर जलील किया गया।
द्रंग भाजपा विधायक पूर्ण ठाकुर का नाम लिए बिना बोले कि भााजपा में ऐसे लोगों को टिक ट पार्टी की विचारधारा से हटकर दिए गए। जिन्हें भाजपा की विचारधारा का कखग भी मालूम नहीं है। उन्होंने पार्टी हाई कमान से आग्रह किया है कि इस बारे वरिष्ठ नेता शांता कुमार की अगुवाई में जांच कमेटी बिठाई जाए। जवाहर ठाकुर ने पूर्व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के नेतृत्व , प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कश्यप व संगठन मंत्री पवन राणा पर खुल कर पार्टी की हार का ठीकरा फोड़ डाला है। कहा कि भाजपा सरकार में नेतृत्व पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को नजर अंदाज कर एवीबीपी का विशेष दखल रहा ।
पार्टी के उन वरिष्ठ नेताओं को नजर अंदाज किया गया जिन्होंने पिछले 40 – 40 वर्षों से पार्टी के लिए काम किया हुआ । जयराम ठाकुर पर हमला करते हुए जवाहर ठाकुर ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री को नेताप्रतिपक्ष बनना शोभा नहीं देता है। जबकि कांगड़ा सबसे बड़ा जिला है और संगठन की मजबूती के लिए कांगड़ा से नेता प्रतिपक्ष बनाया जाना चाहिए। इस अवसर पर वरिष्ठ भाजपा नेता यशोद्धानंदन बजीर और बालक राम ठाकुर भी मौजूद रहे।