हिमाचल में 14 दवाइयों के सैंपल फेल होने पर दवा विभाग ने सख्त कदम उठाया है। विभाग ने 10 फार्मा उद्योगों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं। वहीं, ड्रग इंस्पेक्टर ने लापरवाही बरतने वाले दवा उद्योगों का औचक निरिक्षण कर रिपोर्ट तैयार की है और अब यही रिपोर्ट 5 और फार्मा उद्योगों के उपर तलवार बन लटकी हुई है। यदि इन उद्योगों की रिपोर्ट भी गलत होती है तो इनके भी लाइसेंस रद्द हो सकते हैं।
इसके अलावा फार्मा उद्योगों को बाजार से उन सभी दवाइयों के स्टॉक रिकॉल करने के निर्देश दिए हैं जिनके सैंपल फेल हुए हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों को उन दवा उद्योगों पर सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं जिसके सैंपल लगातार फेल हो रहे हैं।
गौरतलब है कि सीडीएससीओ द्वारा 9 मार्च को जारी किए गए ड्रग अलर्ट में प्रदेश की 14 दवाइयों के सैंपल फेल हुए थे जबकि देश में कुल 39 दवाइयों के सैंपल फेल हुए थे। प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन में 9, पांवटा साहिब -परवाणु की 2 -2 और कालाअंब में बन रही एक दवाई के सैंपल फेल हुए थे।
आप को बता दें कि प्रदेश सरकार ने फार्मा उद्योग पर शिकंजा कसने की पूरी तैयारी कर ली है। यही कारण है कि दवाइयों की गुणवत्ता को परखने के लिए 4 सहायक दवा नियंत्रकों की नियुक्ति की गई है। इनमें 2 बद्दी तथा एक-एक नाहन और धर्मशाला में नियुक्त किया गया है। जिसमें यह दवा नियंत्रक उन दवा उद्योगों पर नजर रखेंगे जो लगातार खराब उद्योगों का उत्पादन कर रहे हैं।