धर्मशाला: आपादा के समय हर विभाग की भूमिका अहम है तथा अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए प्रत्येक विभाग को ऐसे समय में त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (एनआईडीएम) द्वारा आपदा प्रबंधन पर आयोजित क्षेत्रीय कार्यशाला के समापन कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने यह शब्द कहे। कार्यशाला के समापन पर उपायुक्त ने प्रतिभागियों से बातचीत कर प्रशिक्षण के दौरान उनके अनुभवों को जाना।
उन्होंने संबंधित विभागों के भीतर व्यक्तियों की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने आपदा के दौरान विभागों में तालमेल बढ़ाने के लिए अंतर विभागीय समन्वय पर बल देने की बात कही। उन्होंनेे बताया कि इस तीन दिवसीय कार्यशाला में प्रतिभागियों को बाढ़, आग, भूकंप, सड़क दुर्घटनाओं और रासायनिक खतरों सहित प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदाओं से निपटने के लिए आवश्यक कौशल से लैस करने पर प्रशिक्षण दिया गया। उन्होंने इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रमों को नियमित अंतराल में आयोजित कराने की बात कही।
उन्होंने बताया कि कार्यशाला में पुलिस, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), गृह रक्षक, राजस्व, कृषि, पशुपालन, पंचायती राज, लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग, रेड क्रॉस सहित विभिन्न विभागों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। जिनमें प्रदेश के छः जिलों कुल्लू, मंडी, हमीरपुर, ऊना, कांगड़ा और चंबा के लगभग 60 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
जिला कांगड़ा के धर्मशाला में तीन दिनों तक चलने वाली इस क्षेत्रीय कार्यशाला में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान की सहायक प्रोफेसर डॉ. सुषमा गुलेरिया तथा जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की डॉ. हरकंचल ने प्रतिभागियों को रिसोर्स पर्सन के रूप में प्रशिक्षण दिया।