सर्व देवता सेवा समिति एवम कारदार संघ जिला मंडी की कार्यकारिणी की बैठक अध्यक्ष शिव पाल शर्मा अध्यक्षता में संस्कृति सदन कांगणी में आयोजित की गई. इस बैठक में कारदारों द्वारा मांग रखी गई कि जहां-जहां भी धर्म स्थल है और इसके इर्द गिर्द में जो भूमि खाली पड़ी है. उस भूमि में छेड़ छाड़ ना करें ना ही कोई अवैध निर्माण कार्य किया जाए.
सर्व देवता सेवा समिति के अध्यक्ष शिवपाल शर्मा ने बताया कि मंडी जिला के देव कमरू नाग, देव पराशर , देवी शिकारी, देवी तूंगा माता इत्यादि के आसपास कोई अवैध निर्माण कार्य न किया जाए.
उन्होंने कहा कि देव भूमि हिमाचल में बहुत से ऐसे स्थान है जो मंदिरों की शोभा बढ़ाने के लिए और पर्यटकों को आकर्षित करते हैं. उन्होंने कहा कि हिमाचल देव भूमि है जो देवी देवताओं के नाम से जानी जाती है और यहां का हर व्यक्ति देवी देवताओं पर आस्था रखते हैं.
कारदारों ने मांग उठाई की देवताओं के मंदिरों का अधिग्रहण न किया जाए. मंडी जिला में जिन मंदिरों का अधिग्रहण किया गया है. उनको भी नीरस्त किया जाए. क्योंकि आम जन मानस की आस्था को देखते हुए हर व्यक्ति चाहता है की मंदिर की परंपरा के अनुरूप मंदिर का कार्य होना चाहिए.
जबकि अधिग्रहण के बाद मंदिरों का कार्य देव संस्कृति के अनुसार नहीं चलाया जा रहा है. समस्त कारदारों ने मांग रखी है की जबसे सरदार वल्लभभाई पटेल महाविधालय के नजदीक प्रशासनिक भवन का निर्माण कार्य चला हुआ है.
उस समय से देवी देवताओं को शिवरात्रि के दौरान पडल में बैठने के लिए कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। गत वर्ष पडल मैदान की पौडिय़ों में देवताओं को बैठाने के लिए अस्थाई स्थान बनाया गया था। उसमें कुछ देवी देवता बैठाए गए थे.
कारदारों ने मांग रखी की सरकार व प्रशासन देव संस्कृति को देखते हुए स्थाई स्थान देवताओं को आवंटित किए जाएं. क्योंकि अंतरराष्टीय शिवरात्रि मेला देवताओं के लिए मनाया जाता है. इसके बावजूद देवताओं को सरकार व प्रशासन मान समान ना दे तो मेले का कोई औचित्य नहीं है. इस अवसर पर मांग की गई कि अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि 2024 से पहले देवताओं को स्थाई स्थान आवंटित किए जाएं.