मंडी: सीटू से सबंधित मनरेगा व निर्माण मज़दूर फेडरेशन के प्रतिनिधिमंडल ने आज लेबर कम्मिसन्नर मानसी सहाय ठाकुर और राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड के नवनियुक्त सचिव राजीव कुमार को माँगपत्र सौंपे। गौरतलब है कि बोर्ड से मनरेगा और निर्माण मज़दूरों को मिलने वाली सहायता राशी और मज़दूरों का पंजीकरण और नवीनीकरण पिछले सात महीनों से गैर कानूनी तौर पर रोक दिये हैं, जिससे लाखों मज़दूरों को वित्तिय तौर पर नुक़सान हो रहा है। जिसे तुरन्त बहाल करने की मांग यूनियन ने इन अधिकारियों से पुनः उठायी है।
प्रतिनिधिमंडल में फेडरेशन के राज्य महासचिव व बोर्ड सदस्य भूपेंद्र सिंह,जोगिंदर कुमार, विजेंद्र मैहरा,डॉ कश्मीर सिंह शामिल हुए।इस बारे भूपेंद्र सिंह ने बताया कि प्रदेश के साढ़े चार लाख मज़दूरों को राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड से मिलने वाली सहायता राशी और उनके बोर्ड में पंजीकरण व नवीनीकरण पर गैर कानूनी तरीके से पिछले सात महीनों से रोक लगा दी है। जिसके ख़िलाफ़ मज़दूरों ने पिछले कई दिनों से सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन करने पड़ रहे हैं।
बोर्ड सदस्य भूपेंद्र सिंह मीडिया को बताया कि सुखविंदर सिंह सुखू की अगुआई में बनी कांग्रेस पार्टी की सरकार ने अपने शपथ ग्रहण से अगले ही दिन यानी 12 दिसंबर 2022 को बोर्ड के सचिव ने बोर्ड और सरकार की अनुमति के बगैर अधिसूचना जारी कर दी है जिसे तुरन्त रद्द करने की मांग आज यूनियन ने फ़िर से उठायी है।
सरकार ने 8 फ़रवरी को जारी एक गैर कानूनी अधिसूचना के बाद भवन निर्माण मज़दूरों का पंजीकरण व नवीनीकरण भी रुक गया है। जिसके बारे यूनियन प्रतिनिधि मंडल ने एक्सपर्ट कमेटी की अध्यक्षा व लेबर कम्मिसन्नर मानसी सहाय ठाकुर को भी दोपहर बाद माँगपत्र सौंपा और उनसे सेस की शर्त को तुरन्त हटाने की मांग की गई।इन सब मुद्दों पर निर्णय लेने के लिए राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड की बैठक 22 जुलाई को शिमला में आयोजित की जा रही है जिसकी अध्यक्षता श्रम और रोज़गार मंत्री धनीराम शांडिल करेंगे।भूपेंद्र सिंह ने कहा कि बोर्ड और सरकार यदि इन रुके हुए लाभों को जारी नहीं करती है तो यूनियन अगस्त माह से सरकार के ख़िलाफ़ अभियान शुरू करेगी।