मंडी नगर निगम के वार्ड नंबर 4 नेला के तहत आने वाले गांव शिल्हाकीपड़ बिंदरावणी के एक दर्जन परिवारों द्वारा हस्ताक्षरित एक ज्ञापन गुरूवार को उपायुक्त मंडी को सौंपा गया। इस ज्ञापन में उपायुक्त के ध्यान में लाया गया कि 9 व 10 जुलाई को जो बाढ़ व्यास नदी में आई थी उसमें हिमाचल दर्शन फोटो गैलरी से लेकर आगे इंडियन आयल के पैट्रोल पंप तक कई घरों के अंदर पानी व उसके साथ आई गाद घुस गई।
इससे उनका जरूरी सामान बह गया या खराब हो गया है। लाखों का नुकसान हुआ है। इसमें उपायुक्त के ध्यान में यह बात लाई गई कि पठानकोट से मंडी तक आ रही फोरलेन के अंतिम छोर पर बिंदरावणी शिल्हाकीपड़ में एनएचएआई कुछ निर्माण कर रही है। इस निर्माण के लिए एनएचएआई ने हिमाचल दर्शन फोटो गैलरी के साथ साथ दरिया की ओर आगे तक बुर्जियां भी लगा दी हैं। अब जो बाढ़ आई है उसमें यह बुर्जियां कई कई फीट तक बाढ़ के पानी में डूब गई थी। ऐसे में उच्चतम बाढ़ सीमा के अंदर कोई भी निर्माण करना बड़ी भूल होगी।
यह ज्ञापन हिमाचल दर्शन फोटो गैलरी के संस्थापक बीरबल शर्मा, प्रभावित अनवर अली, अख्तर अली, जितेंद्र शर्मा, गीता सेन, दीक्षित, भवानी सिंह, भवानी सिंह, धर्मेंद्र कुमार की ओर से दिया गया। ज्ञापन के साथ बाढ़ व उसके बाद बुर्जियों पर जमी गाद के फोटो भी संलग्न किए गए हैं। उपायुक्त से आग्रह किया गया है कि एनएचएआई को बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में कोई भी निर्माण न करने दिया जाए।
इस बारे में एनएचएआई के अधिकारियों को सचेत कर दें कि वह इस अंतिम छोर की अलाइनमेंट को बदल कर सुरक्षित जगह से कर दें अन्यथा भविष्य में यहां पर भी कुल्लू मनाली फोरलेन जैसी हालत हो सकती है।
यह भी साफ कर दिया कि यदि इसके बावजूद भी एनएचएआई निर्माण करने पर वाजिद रहती है तो ना केवल इसका विरोध होगा बल्कि मामले को प्रदेश उच्च न्यायालय में ले जाया जाएगा क्योंकि जानबूझ कर जान माल को जोखिम में डालने नहीं दिया जाएगा। उपायुक्त ने भरोसा दिलाया कि बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में निर्माण नहीं करने दिया जाएगा। इसके लिए एनएचएआई के अधिकारियों से संपर्क करके उन्हें वस्तु स्थिति से अवगत करवा दिया जाएगा।