प्रदेश की कांग्रेस सरकार में निम्न कहावत चरितार्थ हो रही है “उल्टा चोर कोतवाल को डांटे”। भाजपा मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश का सेब बागवान एक के बाद एक नई परेशानी झेल रहा है। पहले कार्टन कैसा होना चाहिए, कितना सेब डलना चाहिए, कितने के दाम मिलने चाहिए इस झगड़े में पूरी सुखविन्द्र सरकार उलझी हुई है और बागवान को भगवान भरोसे छोड़ दिया है।
भाजपा ने कहा कि प्राकृतिक आपदा आई, सड़कें टूट गई, उनको ठीक करने वाला कोई नहीं है। बागवान ने सेब तोड़ लिए, रास्ते खुले नहीं, अनेक बागवानों ने अपनी मशीने लगाकर थोड़े बहुत रास्ते खोले और सड़के उपलब्ध करवाने में सरकार पूरी तरह विफल हुई।
इस मजबूरी में अनेक बागवानों ने अपना सेब खड्डो में फेंक दिया और किसी शुभचिंतक ने एक-आध जगह में खड्डों में डाले गए सेब का वीडियो बना ली। बागवान तो दुखी था ही और यह वीडियो वायरल हो गई तो अब सरकारी मशीनरी दादागिरी पर उतर आई।
थाना, कचहरी शुरू हो गया। वो व्यक्ति जो विसल ब्लोअर है जिसने बागवानों का मुद्दा, उनकी परेशानी जन-जन तक पहुंचाई वो दोषी हो गया और जो दोषी हैं वो थानेदार हो गए।
भाजपा ने कड़े शब्दों में अपनी बात रखी कि सरकार बागवानी मंत्री, लोक निर्माण मंत्री और मुख्यमंत्री तुरंत सड़कें ठीक करवाएं ताकि किसान का सेब व अन्य नकदी फसलें मंडियों तक पहुंच सके और सामान्य किसान को थाने बुलाकर उसे धमकाना बंद करें।