कार्डियोलाॅजिस्ट डाॅ अतीत ने उन्नत तकनीक ऑर्बिटल एथेरेक्टॉमी द्वारा हटाई हार्ट ब्लाॅकेज
तीन कार्डियोलाॅजिस्ट की टीम एवं दो कैथलैब के साथ अस्पताल दे रहा बेहतरीन सेवाएं
फोर्टिस अस्पताल कांगड़ा ने कोरोनरी धमनी रोग के रोगियों के इलाज के लिए नई तकनीक अपनाकर एक और सफलता हासिल की है। फोर्टिस कांगड़ा के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अतीत गावलकर ने ऑर्बिटल एथेरेक्टॉमी असिस्टेड स्टेंटिंग का पहला मामला पेश किया।
एक 54 वर्षीय मरीज को दिल का दौरा पड़ा और अत्यधिक कैल्सीफाइड कोरोनरी स्टेनोसिस के कारण उसे दूसरे अस्पताल में स्टेंट लगाने से मना कर दिया गया। इसके बाद उन्होंने फोर्टिस अस्पताल कांगड़ा के कार्डियोलाॅजिस्ट डॉ. अतित गावलकर से सलाह ली।
डाॅ अतीत ने कहा कि एंजियोग्राफी को देखने से यह स्पष्ट था कि कैल्शियम से निपटने के पारंपरिक तरीके अपर्याप्त होंगे। इसलिए उन्होंने स्टेंटिंग के बाद ऑर्बिटल एथेरेक्टॉमी की योजना बनाई और सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया। मरीज को दो दिन के बाद छुट्टी दे दी गई।
ऑर्बिटल एथेरेक्टॉमी अद्वितीय है क्योंकि यह कैल्शियम को तोड़ सकता है। उत्तर भारत में बहुत कम अस्पताल इस तकनीक को अपनाने में सक्षम हैं। खुशी की बात है कि फोर्टिस अस्पताल कांगड़ा में इस तकनीक के साथ उपचार सुविधा उपलब्ध है
फोर्टिस अस्पताल कांगड़ा में हार्ट से संबंधित एमरजेंसी के लिए तीन कार्डियोलाॅजिस्ट की टीम जिनमें डाॅ अतीत गावलकर, डाॅ निखिल एवं डाॅ विभव तथा दो कैथलैब उपलब्ध हैं। साथ ही फोर्टिस अस्पताल कांगड़ा क्षेत्रवासियों के लिए हिमकेयर में निःशुल्क सेवाएं प्रदान कर रहा है।