प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि पर्यावरण विज्ञान, प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा पर्यावरण के संरक्षण और इस दिशा में सहयोगात्मक प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित एनजीओ पंजीकरण के लिए एक ऑनलाइन मंच प्रस्तुत किया गया है।
पर्यावरण संरक्षण में गैर सरकारी संगठनों की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए प्रदेश सरकार इस मंच के माध्यम से संगठनों से लेकर राज्य सरकार के बीच एकता और तालमेल को बढ़ावा देगी।
उन्होंने कहा कि इस पोर्टल पर पंजीकरण करके, गैर सरकारी संगठन बड़े पैमाने पर समाज पर अपना प्रभाव बढ़ाने के अवसरों से अवगत होंगे। इस पोर्टल के माध्यम से एनजीओ/सीबीओ संसाधनों का आदान-प्रदान कर सकते हैं, विशेषज्ञता साझा कर सकते हैं और सर्वोत्तम प्रथाओं का प्रदर्शन कर सकते हैं।
यह सहयोगी पारिस्थितिकी तंत्र नवाचार को बढ़ावा देने, विचारों के प्रवाह को सक्षम करने के लिए डिजाइन किया गया है जो सामूहिक प्रयासों की प्रभावशीलता को बढ़ा सकता है।
इस पोर्टल के माध्यम से, गैर सरकारी संगठन पर्यावरण संरक्षण पर अपने विचार साझा करने के लिए साथी संगठनों, सरकारी निकायों और हितधारकों के साथ समन्वय कर सकते हैं। इस तरह का समन्वय रणनीतिक साझेदारी, संयुक्त पहल और पारिस्थितिकी तंत्र संरक्षण पर दृश्यता बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।
इसमें कार्यशालाएं, कौशल विकास कार्यक्रम और प्रासंगिक शैक्षिक सामग्री तक पहुंच भी शामिल है। पर्यावरणीय चुनौतियों से अधिक कुशलता से निपटने के लिए संगठनों की क्षमता विकास को मजबूत करना भी इसका उद्देश्य है।
इस पोर्टल पर पंजीकृत एनजीओ को विभागीय वेबसाइट, सोशल मीडिया प्लेटफार्म और जागरुकता अभियानों सहित विभाग के संचार चैनलों के माध्यम से बढ़ती दृश्यता और एनजीओ के बारे में सार्वजनिक जागरुकता बढ़ाने से लाभ होगा। गैर सरकारी संगठन विभाग के पोर्टल पर पंजीकरण कर, प्रदेश के पर्यावरण की सुरक्षा के आंदोलन में अभिन्न भागीदार बन सकेंगे। उन्होंने कहा कि गैर सरकारी संगठनों की विशेषज्ञता और योगदान प्रदेश के स्थायी भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
उन्होंने कहा कि संगठन वेबसाइट लिंक ीजजचेरूध्ध्ंहपेंबण्हवअण्पदध्