हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के राजनीतिक घटनाक्रमों में हर पल बदलाव देखने को मिल रहा है। अभी ख़बर है कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को सोनिया गांधी से मिलने का समय नहीं मिल पाया है। वीरभद्र सिंह ने सोनिया गांधी तक यह संदेश पहुंचवा दिया है कि अगर उन्हें चुनाव में फ्री-हैंड नहीं दिया जाता है तो वे अपने सभी पदों से त्याग-पत्र दे देंगे।
सोनिया गांधी से मुलाकात नहीं हो पाने के भी अब नए मायने निकाले जा रहे हैं। चूंकि, बुधवार दोपहर को वीरभद्र सिंह ने कांग्रेस के चाणक्य माने जाने वाले और सोनिया गांधी के विश्वसनीय अहमद पटेल से मुलाकात की थी। बताया जा रहा है कि इस दौरान वीरभद्र सिंह ने पटेल के सामने सभी पदों से इस्तीफा देने की धमकी भी दी। इस दौरान पटेल ने उन्हें जल्दीबाजी नहीं बल्कि पार्टी हित के लिए चुनाव मैदान में डंटे रहने के लिए कहा। लेकिन, वीरभद्र अपनी मांग से एक इंच भी आगे-पीछे नहीं होना चाहते। सूत्र बता रहे हैं कि अहमद पटेल उनकी शर्तों पर कुछ बिंदुओं पर मान भी गए हैं। वीरभद्र सिंह ने एक रास्ता दिया है जिसमें उन्होंने कहा कि भले आशा कुमारी को पीसीसी की कमान दे दो, लेकिन वह किसी भी सूरत में सुखविंदर सिंह सुक्खू को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
अहमद पटेल की मीटिंग के बाद हालांकि उनके पक्ष में आश्वासन जरूर मिला। लेकिन, सोनिया गांधी के वर्तमान रुख ने मामले को फिलहाल सस्पेंस में डाल दिया है। बताया जा रहा है कि कोटखाई प्रकरण और उसमें ताजा-तरीन आईजी समेत पुलिस वालों की गिरफ्तारी ने कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष के कान खड़े कर दिए हैं। ऐसी स्थिति में सोनिया ने इस मसले पर अभी अपनी राय जाहिर नहीं की है। माना जा रहा है कि वह भी तत्कालिक परिस्थियों का बारीकी से पड़ताल कर रही हैं। यही वजह है कि उन्होंने अभी तक वीरभद्र सिंह के साथ बैठक का मौका नहीं दिया है।