नूरपुर में हुए बस हादसे में एक साथ 23 बच्चों समेत 27 लोगों की मौत हो गई, लेकिन अब सूबे में इसको लेकर सियासत भी तेज़ हो गई है। एक दैनिक अखबार में छपे विवादित ख़बर के बीच कांग्रेस ने जयराम सरकार को टारगेट पर ले लिया है। वहीं, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर समेत कई नेताओं ने अख़बार में छपी ख़बर पर सवाल खड़े किए हैं।
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता नरेश चौहान का कहना है कि मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री के इंतजार में मासूमों के शवों को अभिभावकों को समय पर नहीं सौंपना शर्मनाक है। इस तरह की ओछी राजनीति से बीजेपी को परहेज करना चाहिए। कांग्रेस की तरफ से कहा गया है कि यदि सच में प्रशासन से चूक हुई है तो सरकार को इसकी जांच करवानी चाहिए और दोषियों के ख़िलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
लेकिन, इस दौरान अखबार की खबर की सत्यता पर डिबेट छिड़ा हुआ है। अखबार का दावा है कि मुख्यमंत्री के आगमन तक शवों को देने में प्रशासन ने परिजनों को 3 घंटे तक इंतजार करवाया। अख़बार का यह भी दावा है कि कुछ बच्चों के शव परिजनों को सौंप दिए थे, लेकिन मुख्यमंत्री के कार्यक्रम की वजह से दोबारा वापस लाया गया। वहीं, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस घटना से खुद को अंजान बताया है।