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हौंसले को सलाम, पति की मौत के बाद नील ने थामा ट्रक का स्टीयरिंग

समाचार फर्स्ट |

आज के समय में महिलाएं भी पुरुषों से किसी भी क्षेत्र में कम नहीं हैं। इस कहावत को चरितार्थ करके बताया है सोलन के अर्की के गांव बागी की नील कमल ने। ट्रांसपोर्टर पति की मौत से जो नील टूट चुकी थी, आज वही नील दूसरों के लिए मिसाल बन गई है। पति का साथ छुटने के बाद नील ने न केवल परिवार को संभाला बल्कि ट्रक चालक बन कर लीक से हटकर उदाहरण भी पेश किया।

नील कमल (36) हिमाचल प्रदेश की पहली महिला ट्रक चालक है जो लगभग पिछले 6 माह से ट्रक चला रही हैं। नील कमल ने बताया कि उसके अपने 2 ट्रक हैं, साल 2010 में एक सड़क दुर्घटना में उसके पति की मौत हो गई थी, जिसकी वजह से ट्रकों की देखरेख की जिम्मेदारी भी उसी पर आ गई।

बाहरी राज्यों में भी खुद ही लेकर जाती है ट्रक

नील कमल ने बताया कि चालकों की कमी या व्यवहार अच्छा न होने के कारण उसने ट्रक चलाना सीखा और वह अब खुद ही ट्रक चलाती है। उसने बताया कि अल्ट्राटैक सीमैंट कंपनी बागा से हिमाचल के साथ-साथ बाहरी राज्यों में भी खुद ही ट्रक लेकर जाती है। ट्रकों की लोडिंग और अनलोडिंग का सारा काम भी खुद ही देखती है। उसका एक 11 साल का बेटा निखिल भी है। वह ट्रक चलाने के साथ-साथ उसकी पढ़ाई का भी पूरा ध्यान रखती है।

नील कमल झंडूता के बरठीं में जब सीमैंट उतारने आई तो उनको देखने के लिए काफी संख्या में लोग आते रहे और सब लोगों ने उसकी प्रशंसा करते हुए कहा कि वाकई आज के युग में बेटियां बेटों से कम नहीं हैं।