मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ऐतिहासिक रिज मैदान के पदम कम्पलैक्स में ‘इंदिराज हिमाचल-टूवर्ड्ज़ न्यू फ्रंटियर्ज’ प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। इस प्रदर्शनी के माध्यम से भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के योगदान को प्रदर्शित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का राष्ट्र निर्माण में असाधारण योगदान रहा है। उनकी कूटनीति से देश को विश्व भर में एक विशेष पहचान मिली। यह प्रदर्शनी आमजन से उनके लगाव, उनके जीवन संघर्ष, हिमाचल एवं प्रदेश के लोगों के प्रति लगाव एवं उनकी विरासत को नए परिप्रेक्ष्य में दर्शाती है। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी भारत की पहली प्रधानमंत्री थीं, जिन्होंने देश की सेवा करते हुए अपना जीवन बलिदान किया।
प्रदर्शनी में दर्शाए गए अधिकतर छायाचित्र इंदिरा गांधी मैमोरियल ट्रस्ट नई दिल्ली की आरकाईव का हिस्सा हैं। यह प्रदर्शनी छायाचित्र के माध्यम से उनकी सामाजिक और राजनीतिक जीवन यात्रा को दर्शाती है जब वह पहली बार प्रधानमंत्री बनीं। इसके अलावा यह प्रदर्शनी उनके 1966-71, 1971-77 और 1980-84 के प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल तथा 1977-80 के उनके विपक्ष के नेता के कार्यकाल पर प्रकाश डालती है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदिरा गांधी का हिमाचल प्रदेश के प्रति गहरा लगाव था और यहां के विकास लिए उनके दूरदर्शी प्रयासों को हिमाचलवासी सदैव याद रखेंगे। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी के नेतृत्व में 25 जनवरी, 1971 को हिमाचल प्रदेश को आधिकारिक रूप से पूर्ण राज्यत्व का दर्जा मिला और यह देश का 18वां राज्य बना।
उस पल कोे हिमाचल प्रदेश की विकास गाथा का एक ऐतिहासिक क्षण बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदिरा गांधी पूर्ण राज्यत्व प्राप्ति दिवस पर भारी बर्फबारी के बावजूद शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर आयोजित समारोह में शामिल हुईं, जो उनके प्रदेश के प्रति गहरे लगाव को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदिरा गांधी की विकास संबंधी पहलों से प्रदेश की विद्युत उत्पादन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उनके प्रयासों से कृषि एवं बागवानी उत्पादकता के बढ़ने से यहां के मेहनतकश लोगों को खाद्य सुरक्षा एवं आर्थिक सुदृढ़ता सुनिश्चित हुई है और किसानों एवं बागवानों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति भी मजबूत हुई है। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी ने प्रदेश के बुनियादी संपर्क के ढांचे के सुदृढ़ीकरण के अलावा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को भी प्राथमिकता दी, जिसके परिणामस्वरूप प्रदेश में प्रतिष्ठित अकादमिक, शैक्षणिक, स्वास्थ्य एवं अन्य संस्थान स्थापित हुए। यह संस्थान आज प्रदेश के विकास में उत्कृष्ट योगदान दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के साथ इंदिरा गांधी का आत्मिक जुड़ाव भी रहा है। राजनीतिक जीवन त्यागने के उपरांत इंदिरा गांधी की मशोबरा की पहाड़ियों में बसने की चाह तथा राजीव गांधी द्वारा हिमालय पर उनकी अस्थियों को विसर्जित करने की इच्छा इस क्षेत्र के लिए उनके एवं उनके परिवार के गहरे प्रेम को दर्शाती है।
मुख्यमंत्री ने इस आकर्षक प्रदर्शनी के लिए ईका आरकाईविंग सर्विसिज के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि छायाचित्रों के उल्लेखनीय संग्रह वाली यह प्रदर्शनी हिमाचल की प्रगति और समृद्धि के लिए इंदिरा गांधी की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है और उनकी ‘‘हिमालय की बेटी’’ की छवि को स्थापित करती है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा, राज्य वन विकास निगम के उपाध्यक्ष केहर सिंह खाची, मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, विधायक हरीश जनारथा, नगर निगम शिमला के महापौर सुरेंद्र चौहान, उप-महापौर उमा कौशल, मुख्यमंत्री के ओएसडी रितेश कपरेट, उपायुक्त अनुपम कश्यप सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।