Follow Us:

सीएम सुक्खू के हाथ की कठपुतली बन गए विधानसभा अध्यक्ष: जयराम

|

शिमला: आपातकाल की 50वीं बरसी पर भाजपा ने प्रदेश भर में कांग्रेस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया इस मौके पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि आज विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में 50 वर्ष पहले घटी एक घटना को याद किया जा रहा है. देश की युवा पीढ़ी जान सके की भारत के लोकतंत्र में इस तरह की घटना घटी इसको लेकर भाजपा ने प्रदेश भर में कार्यक्रम किए. क़रीब डेढ़ लाख लोगों को जेल की सलाह को पीछे डाल दिया गया था. आधी रात में तत्कालीन प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति को बाधित किया और आपतकाल की घोषणा की गई. प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का चुनाव रद्द हुआ ऐसे में देश में आपातकाल लगा दिया गया. जनता ने इसका जवाब कांग्रेस को दिया भी और 1977 के चुनाव में देश की सत्ता से कांग्रेस को बाहर कर दिया.

इन सबके बावजूद हालिया लोकसभा चुनाव में वही कांग्रेस के लोग लोकतंत्र की दुहाई देते रहे. कांग्रेस के लोग संविधान के खतरे में होने की बात कहते रहे मगर इसके बावजूद नरेंद्र मोदी तीसरी बार लगातार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाले दूसरे व्यक्ति बने. संसद में सदस्यों की शपथ ग्रहण में कांग्रेस के लोग संविधान की प्रतियां दिखाते दिखे. कांग्रेस ने 90 बार धारा 356 का प्रयोग किया.

हालिया लोकसभा चुनाव में हिमाचल प्रदेश में 68 विधानसभा में से 61 सीटों पर कांग्रेस की हार हुई. प्रदेश में सरकार केवल कुर्सी बचाने में जुटी हुई है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री राजनिति में परिवार से किसी के आने से इन्कार करते रहे. अगले दिन मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी को टिकट दे दिया गया, जबकि खास तौर पर कांग्रेस पार्टी में मुख्यमंत्री की सहमति के बिना टिकट नहीं मिलता. वहीं प्रदेश में कानून व्यवस्था चरमरा गई है बिलासपुर में न्यायालय के बाहर बाहर से आएगा गुंडों दिनदहाड़े गोलीयां चला दी.

वहीं कांग्रेस की ओर से भाजपा के 9 विधायकों की सदस्यता जाने वाले बयान पर जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विधनसभा में नियमों की पूरी तरह से धज्जियां उड़ा दी गई. उन्होंने कहा कि पेपर उछालने के लिए कभी किसी को सदन से सदस्यता समाप्त नहीं की गई. जयराम ठाकुर ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष सीएम सुक्खू के हाथों की कठपुतली बनकर रह गए हैं. कांग्रेस के बागी नेता और पूर्व निर्दलीय विधायकों को लेकर विधानसभा अध्यक्ष के दिए गए बयान पर जयराम ठाकुर ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस तरह की भाषा विधानसभा अध्यक्ष को शोभा नहीं देती.