कसौली गोलीकांड में महिला अधिकारी की मौत पर सुप्रीम कोर्ट कड़ा रूख अपनाए हुए है। गुरुवार को सुनवाई में कोर्ट ने जयराम सरकार को खूब लताड़ लगाई और अवैध निर्माण पर सरकार से जवाब-तलब किया। कोर्ट ने पूछा कि प्रदेशभर में हुए अवैध निर्माण पर सरकार क्या कर रही है…?? जो लोग कानून का पालन करते हैं, वे दुखी है और जो कानून तोड़ते हैं, उनको प्रोत्साहित किया जाता है। कानून का शासन लागू होना चाहिए, न कि कानून तोड़ने वालों का…।
कोर्ट ने महिला अधिकारी की हत्या को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि ये सोच नहीं चलेगी कि पहले अवैध कब्जे कर निर्माण करो और यदि तोड़फोड़ होगी तो गोली मार देंगे। महिला अधिकारी की मौत कोर्ट के आदेशों की वजह से नहीं, बल्कि कानून को लागू न करने से हुई है और इसका सीधा असर भविष्य पर पड़ेगा। साथ ही कोर्ट ने महिला अधिकारी को 5 लाख का मुआवज़ा देने और आरोपी की गिरफ्तारी के लिए 1 लाख के इनाम रख़ने के भी निर्देश दिए।
SC ने सरकार से मांगी स्टेट्स रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने 9 मई तक हिमाचल सरकार से कसौली घटना के साथ-साथ प्रदेश में अवैध निर्माण पर पॉलिसी को लेकर स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 9 मई को होगी। इससे पहले कसौली में महिला अधिकारी की हत्या पर अपना पक्ष रखते हुए सरकार ने कहा कि सुरक्षा टीम में 14 पुलिसवाले थे। जब घटना घटी, तब पुलिसवाले बगल के गेस्ट हाउस में कार्रवाई के लिए गए हुए थे।
ग़ौरतलब है कि सु्प्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद कसौली में अवैध निर्माण गिराने गई TCP की टीम पर एक होटल मालिक ने गोलियां बरसा दी, जिसमें एक महिला अधिकारी शशिबाला की मौत हो गई। इसके अलावा एक PWD अधिकारी को भी छाती में गोली लगी थी, जिसका इलाज PGI चंडीगढ़ में जारी है। पुलिस के सामने-सामने आरोपी ने इस घटना को अंजाम दिया और पुलिस आरोपी को पकड़ तक नहीं पाया।