प्रदेश में 78वां स्वतंत्रता दिवस पूर्ण जोश, उत्साह और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर प्रदेशभर में राज्य, जिला और उप-मण्डल स्तर पर कार्यक्रमों का भव्य आयोजन किया गया। जिला कांगड़ा के देहरा में शहीद भुवनेश डोगरा मैदान में पहली बार राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और मार्च पास्ट की सलामी ली।
परेड में राज्य पुलिस, जिला पुलिस, आईआरबी सकोह, आईआरबी पंडोह, उत्तराखंड आईआरबी सशस्त्र बल, ट्रैफिक पुलिस, एसएसबी सपड़ी, गृहरक्षक, एनसीसी और भारत स्काउट्स एंड गाइड्स की टुकड़ियां शामिल हुईं। परेड का नेतृत्व परिवीक्षाधीन आईपीएस कमांडर सचिन हीरेमठ ने किया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने देहरा में राज्य विद्युत बोर्ड का अधीक्षण अभियंता कार्यालय, जल शक्ति विभाग का अधीक्षण अभियंता कार्यालय और खंड चिकित्सा कार्यालय खोलने की घोषणाएं की। उन्होंने वन अधिकार अधिनियम के तहत पौंग बांध विस्थापितों के स्वामित्व के दावों का समाधान करने की भी घोषणा की। उन्होंने 10 ग्राम पंचायतों में 500 किलोवाट तक की क्षमता वाली सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करके उन्हें हरित पंचायत में परिवर्तित करने की भी घोषणा की।
ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना के तहत एकल महिला परिवारों, निराश्रित महिलाओं, विधवाओं और विकलांग माता-पिता के 18 वर्ष की आयु तक के बच्चों के लिए 1000 रुपये की मासिक सहायता की घोषणा की। सरकार इन बच्चों का आईआईटी, आईआईएम, मेडिकल कॉलेजों और पीएचडी कार्यक्रमों में 27 वर्ष की आयु तक की शिक्षा का खर्च भी वहन करेगी। यदि निःशुल्क छात्रावास आवास उपलब्ध नहीं है, तो राज्य सरकार पीजी आवास के लिए 3000 रुपये प्रतिमाह की सहायता भी प्रदान करेगी।
मुख्यमंत्री ने 75 वर्ष और इससे अधिक आयु के पेंशनरों और पारिवारिक पेंशनरों के पेंशन एरियर का इस वित्त वर्ष में पूरा भुगतान करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर बनने की दिशा में प्रयासरत है और आगामी वर्षों में कर्मचारियों और पेंशनरों की देनदारियों का चरणबद्ध तरीके से भुगतान किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त 15 हजार जीएसटी विरासत मामलों के समाधान के लिए एक नई योजना शुरू की जाएगी ताकि प्रभावितों को राहत मिल सके। प्रदेशवासियों को 78वें स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अथक प्रयासों के साथ प्रदेश की वित्तीय स्थिति को सुधारने में लगी हुई है और इस दिशा में बहुत कुछ हासिल भी कर लिया गया है। वित्तीय चुनौतियों के बावजूद राज्य सरकार ने कर्मचारियों के हित में कई फैसले लिए हैं। राज्य सरकार की नीतियों से प्रदेश को एक वर्ष में 2200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हुआ है।
देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर सूपतों को श्रद्धांजलि देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के मेजर सोमनाथ शर्मा को देश का पहला परमवीर चक्र प्राप्त होने का गौरव प्राप्त है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब तक शहीद कैप्टन विक्रम बत्तरा सहित चार परमवीर चक्र विजेता, दो अशोक चक्र, 11 महावीर चक्र और 23 कीर्ति चक्र विजेता हैं जोकि गर्व का विषय है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार को अपने 20 माह के छोटे से कार्यकाल में राजनीतिक, आर्थिक, और प्राकृतिक अपादा के मोर्चे पर कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि धनबल के जरिए लांकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार को अस्थिर करने का षडयंत्र रचा गया।
उन्होंने कहा कि प्रदेश पर उपचुनावों का बोझ डाला गया और चार माह तक प्रदेश के विकास कार्यों को ठप करने की साजिश रची गईं लेकिन प्रदेश की प्रबुद्ध जनता से इन साजिशों को नाकाम किया। लोगों ने प्रदेश सरकार पर भरोसा जताते हुए धनबल पर जनबल की ताकत दिखाते हुए लोकतंत्र को बरकरार रखा।
मुख्यमंत्री ने अपार समर्थन के लिए प्रदेश की जनता का आभार भी व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के गलत निर्णयों के कारण प्रदेश पर हजारों करोड़ रुपये का बोझ डाला गया जिसके कारण वर्तमान सरकार को गंभीर आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि राजनीतिक फायदे के लिए बिजली और पानी के बिल माफ कर दिए गए जिसके कारण एक वर्ष के भीतर ही राज्य विद्युत बोर्ड पर 780 करोड़ रुपये और जलशक्ति विभाग पर 300 करोड़ रुपये का बोझ पड़ गया। इसके अलावा हिमकेयर योजना में अनुचित लाभ लिए जाने के मामले सामने आने के बाद निजी अस्पतालों को इस योजना से बाहर किया गया।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि हिमकेयर योजना को बंद नहीं किया गया है। सभी सरकारी अस्पतालों में लोगों को इस योजना का लाभ मिलेगा और निजी अस्पतालों में भी डायलिसिस की सुविधा मिलेगी। उन्होंने कहा कि राज्य चयन आयोग ने 2,983 पदों में से 1,841 पदों का अंतिम परिणाम घोषित कर दिया है।
राज्य सरकार ने जेओए (आईटी) 817 के अभ्यर्थियों के लिए मजबूती से अपना पक्ष रखा और न्यायालय के फैसले के बाद चार साल से लंबित भर्ती का परिणाम घोषित किया। उन्होंने कहा कि अन्य लंबित भर्तियों के परिणाम जल्द घोषित करने के भी प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने बरसात के मौसम में हुए भारी नुकसान पर गहरा दुःख व्यक्त किया। उन्होंने प्राकृतिक आपदा में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि सभी प्रभावित लोग उनके परिवार के सदस्य की तरह हैं। सरकार हर प्रभावित परिवार के पुनर्वास और उन्हें तत्काल राहत के लिए प्रतिबद्ध है। आपदा प्रभावित हर परिवार को 50 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की गई है।
इसके अलावा शहरी क्षेत्रों के परिवारों को 10 हजार रुपये और ग्रामीण क्षेत्रों के परिवारों को तीन महीने के लिए मकान किराए के लिए 5 हजार रुपये दिए जा रहे हैं। प्रभावित परिवारों को मुफ्त राशन, गैस, बर्तन, बिस्तर और सिलंेडर भी दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा प्रभावित परिवारों की मुश्किलों को कम करने के लिए जल्द ही विशेष राहत पैकेज की घोषणा की जाएगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अपना चुनावी वादा पूरा करते हुए इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना शुरू की है। इस योजना के तहत पात्र महिलाओं को प्रतिमाह 1500 रुपये और सालाना 18 हजार रुपये की सम्मान राशि दी जा रही है।
इसके अतिरिक्त पूर्व में अन्य पेंशन योजनाओं का लाभ ले रही 2.37 लाख महिलाओं को इस योजना में शामिल कर उनकी मासिक पेंशन 1500 रुपये की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने के लिए अथक प्रयास कर रही है। कैंसर मरीजों का निशुल्क उपचार और 42 दवाइयां मुफ्त में उपलब्ध करवाई जा रही हैं। इसके अतिरिक्त टांडा मेडिकल कॉलेज में विभिन्न श्रेणियों में विशेेषज्ञ डॉक्टरों और चिकित्सा अधिकरियों के 462 पद और आईजीएमसी शिमला व अटल मेडिकल सुपर स्पेशिएलिटि संस्थान चमियाणा में 489 पद भरे जा रहे है।
ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि इस वर्ष से यूनिवर्सल कार्टन की व्यवस्था लागू की गई है। मंडी मध्यस्थता योजना के तहत सेब उत्पादकों के 153 करोड़ रुपये की देनदारियों का भुगतान किया गया है जिसमें से 90 करोड़ रुपये पूर्व भाजपा सरकार की देनदारियों के चुकाए गए हैैं। सेब, आम और नींबू प्रजाति के फलों का समर्थन मूल्य 12 रुपये प्रति किलो तय किया गया है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए प्राकृतिक खेती से तैयार की गई गेहूं और मक्क्ी की फसल 40 और 30 रुपये प्रति किलो के दाम पर खरीदी जाएगी। गाय के दूध का न्यूनतम समर्थन मूल्य 32 से बढ़ाकर 45 और भैंस के दूध का न्यूनतम समर्थन मूल्य 47 से बढ़ाकर 55 रुपये किया गया है।
वर्तमान सरकार ने 20 माह के कार्यकाल में 31 हजार रोजगार के अवसर सृजित किए हैं जबकि पूर्व भाजपा सरकार ने पांच साल में सिर्फ 20 हजार लोगों को रोजगार मुहैया करवाया है जिनमें से ज्यादातर भर्तियां कानूनी विवादों में फंसी रही।
प्रदेश में पहली बार तहसील और उप-तहसील स्तर पर इंतकाल अदालतों के माध्यम से 1 लाख 57 हजार 500 राजस्व मामले निपटाए गए हैं। उन्होंने कहा कि कांगड़ा जिले की प्रतिष्ठित शख्सियतों ने प्रदेश का मान बढ़ाया है। यहां के लोगों ने देश की सेनाओं और अन्य प्रमुख क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिससे राष्ट्र को गौरव मिला है, जिनमें भारत के राष्ट्रगान की धुन बनाने वाले कैप्टन राम सिंह और स्वतंत्रता सेनानी पहाड़ी गांधी बाबा कांशी राम शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि धर्मशाला में एक भव्य युद्ध संग्रहालय विकसित किया जा रहा है। वर्षों से लंबित 643 करोड़ रुपये की फिन्ना सिंह सिंचाई परियोजना को भी मंजूरी दी गई है। इसके साथ ही 234 करोड़ रुपये लागत की सुखाहर सिंचाई योजना को भी मंजूरी दी गई है, जिससे शाहपुर और ज्वाली के 22 गांव लाभान्वित होंगे।
मुख्यमंत्री ने कई संस्थाओं और शख्सियतों को विशिष्ट सेवाओं के लिए सम्मानित किया। डिजिटल प्रौद्योगिकी और शासन विभाग को सिविल सेवा पुरस्कार प्रदान किया गया।
हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद के महानिदेशक डॉ. राकेश कुमार, दिव्य मानव ज्योति सेवा ट्रस्ट के संस्थापक सत्य प्रकाश शर्मा और प्रो. महेश वर्मा को प्रेरणा स्रोत सम्मान प्रदान किया गया। केहर सिंह ठाकुर, प्रो. केशव राम शर्मा और पूनम ठाकुर को हिमाचल गौरव पुरस्कार प्रदान किया गया। केबीसी से सुर्खियों में आए अरुणोदय शर्मा को विशेष पुरस्कार दिया गया।
ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने करदाताओं और व्यापारियों को विभिन्न नियमों के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए एक सप्ताह तक चलने वाले ‘करदाता संवाद अभियान’ की भी शुरुआत की। इसके अतिरिक्त राज्य कर एवं आबकारी विभाग शिकायत निवारण के लिए एक वेब पोर्टल शुरू करने जा रहा है जिसे करदाताओं और उपभोक्ताओं की समस्याओं का तुरंत समाधान करने के लिए डिजाइन किया गया है, जिससे विभाग की दक्षता भी बढ़ेगी।
उन्होंने कार्य कुशलता बढ़ाने और काम में डिजिटल पद्धति अपनाने के लिए विभिन्न पंचायतों को लैपटॉप भी वितरित किए। इस अवसर पर स्कूली विद्यार्थियों और विभिन्न सांस्कृतिक दलों द्वारा आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया।