शिमला : नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मीडिया के प्रतिनिधियों से बात करते हुए कहा कि प्रदेश के आर्थिक संकट राहुल गांधी की खटाखट-खटाखट नीति के कारण है। आज प्रदेश में कर्मचारियों को वेतन देने के लिए सरकार के पास पैसे नहीं हैं। कर्मचारी और पेंशन अपने खाते में वेतन और पेंशन आने की राह देख रहे हैं। दिल्ली से पड़ी डांट के कारण मुख्यमंत्री प्रदेश में आर्थिक संकट न होने की बात कर रहे हैं। क्योंकि कांग्रेस आलाकमान को यह स्पष्ट पता है कि आने वाले चुनाव में अब कांग्रेस न गारंटी कार्ड चला पाएगी और न ही खटाखट वाला कार्ड।
कांग्रेस के यह दोनों हथियार बेकार और आत्मघाती साबित हो चुके हैं, क्योंकि जहां-जहां भी कांग्रेस की सरकार है वहां आज वित्तीय हालत बहुत ख़राब हैं। हिमाचल के अलावा कर्नाटक में भी हिमाचल जैसी स्थिति पहले ही आ गई है। जहां विकास और वेतन के लिए वित्तीय संकट का अलार्म बज चुका है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि विधान सभा चुनाव से लेकर लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने बड़ी-बड़ी घोषणाएं की थी। सरकार ने झूठ बोलकर सत्ता हथिया ली और अब बाक़ी सुविधाएं देने की बात तो छोड़िए अब वेतन और पेंशन भी नहीं मिल पा रही है। जो कर्मचारी किसी भी तरह के स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण इलाज करवा रहे हैं उन्हें उनके इलाज में किए गए खर्च का पैसा भी वापस नहीं किया जा रहा है। महंगाई भत्ता और बाक़ी देनदारियों का भुगतान तो बहुत दूर की बात है। इससे ज़्यादा दुःखद यह है कि वेतन और पेंशन न देने वाली सुक्खू सरकार ख़ुद को कर्मचारियों का हितैषी बता रही है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सरकार प्रदेश के आर्थिक हालात के लिए ज़िम्मेदार हैं। इसलिए वह बात-बात पर केंद्र सरकार को कोसना बंद कर दे और प्रदेश के वर्तमान हालात को सही करने पर ध्यान दे। केंद्र सरकार प्रदेश का सहयोग कर रही है। केंद्र सरकार के हर राज्य को आर्थिक सहयोग देने का नियम और क्रियाविधि होती है। हिमाचल प्रदेश के किसी भी कोष या मद में केंद्र सरकार द्वारा कोई कटौती नहीं की गई है।
बेरोज़गार नर्सिंग एसोसिएशन से मिले नेता प्रतिपक्ष
जयराम ठाकुर ने बेरोज़गार नर्सिंग एसोसिएशन के प्रतिनिधियों से मुलाक़ात कर उनकी समस्याएं सुनी। एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने बताया कि वर्तमान सरकार नर्सिंग के सारे पद आउटसोर्स आधार पर भर रही है। बैचवाइज़ भर्ती भी नहीं कर रही है। जिससे उनका भविष्य अधर में लटक गया है, नेता प्रतिपक्ष ने उनके मुद्दों को प्रमुखता से सदन में उठायेंगे।