मुख्य बिंदु
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बायोडीजल उत्पादन: सुशील वैष्णव के नेतृत्व वाली फर्म द्वारा सोलन में तेल खरीदा जाएगा और बॉयो डीजल तैयार किया जाएगा।
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आर्थिक सशक्तिकरण: इस योजना से स्वास्थ्य के साथ-साथ आर्थिक लाभ भी होगा, जो प्रदेश और देश के लिए फायदेमंद होगा।
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आह्वान: होटल, ढाबों और हलवाइयों से अपील की गई है कि वे तेल को पुनः उपयोग न करें और बॉयो डीजल उत्पादन के लिए इसे बेचें।
Government’s New Initiative: होटल, ढाबे और हलवाई तलाई के बाद बचे हुए तेल को 30 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से बेच सकेंगे। इस तेल से बायो डीजल बनेगा। प्रदेश सरकार की यह कमाल की योजना अगर रंग लाई तो तलाई के लिए बार-बार उपयोग किए जा रहे तेल से उपभोक्ताओं को गंभीर बीमारियां, जैसे कि कैंसर और हृदय रोग से बचाया जा सकेगा।
जिला नियन्त्रक, खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले, सोलन, नरेन्द्र कुमार धीमान ने इस योजना के बारे में जानकारी दी हैै।उन्होंने बताया कि तलाई के लिए बार बार उपयोग किए जा रहे तेल से उपभोक्ताओं को गंभीर बीमारियां, जैसे कि कैंसर और ह्रदय रोग, हो सकता है। इस समस्या के हल के लिए सरकार ने एक योजना बनाई है। जिसके तहत इस्तेमाल किए गए कुकिंग तेल को खरीदकर बायो डीजल तैयार किया जाएगा।
सुशील वैष्णव, मैसर्स केएनपी अराइजेस ग्रीन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड, औद्योगिक क्षेत्र फुलेरा द्वारा इस तेल को खरीदा जाएगा और उससे बॉयो डीजल तैयार किया जाएगा। यह पहल न केवल उपभोक्ताओं को स्वास्थ्य समस्याओं से बचाने में मदद करेगी, बल्कि देश और प्रदेश की आर्थिक स्थिति को भी सशक्त बनाएगी।