Follow Us:

Kolkata Doctor Case: सीबीआई ने आरोपी की DNA रिपोर्ट, खून के धब्बे समेत 11 साक्ष्य सूचीबद्ध किए

|

Kolkata Doctor Case; केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने आरजी कर अस्पताल में महिला चिकित्सक के दुष्कर्म और हत्या के मामले में गिरफ्तार कोलकाता पुलिस के स्वयंसेवी संजय रॉय को ‘‘इकलौता आरोपी” ठहराने के लिए अपने आरोपपत्र में डीएनए और रक्त नमूनों की रिपोर्ट जैसे 11 साक्ष्य सूचीबद्ध किए हैं।

आरोपपत्र में कहा गया है कि रॉय के खिलाफ सबूत के तौर पर मृतक चिकित्सक के शरीर में आरोपी के डीएनए की मौजूदगी, छोटे बाल, मृतका के खून के धब्बे, रॉय के शरीर पर चोटों, सीसीटीवी फुटेज और ‘कॉल डिटेल रिकॉर्ड’ (CDR) के अनुसार उसके मोबाइल फोन की लोकेशन का उल्लेख किया गया है।

आरोपपत्र में कहा गया है कि रॉय को ‘‘महिला चिकित्सक द्वारा प्रतिरोध/संघर्ष के निशान के तौर पर जोर-जबरदस्ती से लगने वाली चोटें लगी थीं।” कोलकाता पुलिस ने 10 अगस्त को रॉय को गिरफ्तार किया था।

सीबीआई के आरोपपत्र में कहा गया है, ‘‘आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल और आपातकालीन इमारत की तीसरी मंजिल पर, जहां अपराध हुआ, वहां आठ और नौ अगस्त की मध्यरात्रि को उसकी (रॉय की) मौजूदगी सीसीटीवी फुटेज से साबित हुई है। CDR के मुताबिक उसके मोबाइल फोन की लोकेशन से उसकी मौजूदगी साबित होती है।”

केंद्रीय जांच एजेंसी ने स्थानीय अदालत में दाखिल किए गए अपने आरोपपत्र में मृतक महिला को ‘वी’ कहकर संबोधित किया है। आरोपपत्र में कहा गया है, ‘‘पोस्टमार्टम के दौरान ‘वी’ के शरीर पर उसका (रॉय) डीएनए मिला… उसकी जींस तथा जूते पर ‘वी’ के रक्त के धब्बे थे, जिन्हें स्थानीय पुलिस ने 12 अगस्त को पूछताछ के बाद बरामद किया था। अपराध स्थल से मिले छोटे बाल का मिलान आरोपी संजय रॉय के बाल से हुआ है।”

आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के सेमिनार कक्ष से नौ अगस्त को 31 वर्षीय महिला चिकित्सक का शव बरामद किया गया था। कलकत्ता हाई कोर्ट ने 13 अगस्त को CBI को इस मामले की जांच सौंपी थी।

इस बीच, दिल्ली में मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों ने पश्चिम बंगाल में एक महिला चिकित्सक के दुष्कर्म एवं हत्या की घटना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे वहां के कनिष्ठ चिकित्सकों के प्रति एकजुटता जताने के लिए बुधवार को एक दिवसीय भूख हड़ताल शुरू की।

गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल के चिकित्सक भी बुधवार को हड़ताल में शामिल हो गए और उन्होंने एकजुटता दिखाने तथा मृतक चिकित्सक की याद के प्रतीक के रूप में काली पट्टी बांधी। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली की रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने जेएलएन स्टेडियम में शाम छह बजे ‘कैंडल मार्च’ निकालने की घोषणा की।

मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज (एमएएमसी) आरडीए की अध्यक्ष अपर्णा सेतिया ने कहा कि चिकित्सक बुधवार को सुबह नौ बजे से अपराह्न चार बजे तक कामकाजी घंटों के दौरान प्रतीकात्मक भूख हड़ताल कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इस दौरान हम भूख हड़ताल कर रहे पश्चिम बंगाल के कनिष्ठ चिकित्सकों के लिए अपना समर्थन जताने के वास्ते कुछ भी खाएंगे या पीएंगे नहीं।”

एमएएमसी चिकित्सकों के समर्थन में विभिन्न गतिविधियां भी आयोजित कर रहा है। जीटीबी अस्पताल के चिकित्सकों ने एक बयान में कहा कि उन्होंने जो काली पट्टी बांधी है, वह उनकी पीड़ा को दर्शाती है और यह याद दिलाती है कि चिकित्सा समुदाय ऐसी क्रूर हिंसा के सामने चुप नहीं रहेगा।

फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (एफएआईएमए) ने पश्चिम बंगाल सरकार के प्रति असंतोष व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘कनिष्ठ चिकित्सकों की दुर्दशा के प्रति लगातार असंवेदनशीलता देख कर दुख होता है। हम न्याय, सुरक्षा और सम्मान के लिए लड़ाई में ‘पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट’ के साथ हैं।” कोलकाता में सात कनिष्ठ चिकित्सक पांच अक्टूबर की रात से आमरण अनशन कर रहे हैं। उनके प्रति एकजुटता जताते हुए कई वरिष्ठ चिकित्सकों ने उनका समर्थन किया है।

कनिष्ठ चिकित्सकों ने नौ अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक महिला चिकित्सक के दुष्कर्म और हत्या के बाद अपना प्रदर्शन शुरू किया। कनिष्ठ चिकित्सक 42 दिन के विरोध प्रदर्शन के बाद 21 सितंबर को सरकारी अस्पतालों में आंशिक रूप से अपनी ड्यूटी पर लौटे थे। हालांकि, उन्होंने एक अक्टूबर को फिर से काम बंद कर दिया।