Failed drug samples court summons: हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य में बन रही दवाइयों की गुणवत्ता पर गंभीर चिंता जताते हुए ड्रग कंट्रोलर को तलब करने का आदेश दिया है। उच्च न्यायालय ने इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाते हुए सरकार से सवाल किया कि दवाइयों की गुणवत्ता में सुधार के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (सीडीएससीओ) द्वारा टेस्ट किए गए सैंपल्स में से 25% सैंपल फेल हो रहे हैं, जो राज्य में बन रही दवाइयों की गुणवत्ता पर सवाल खड़ा करते हैं।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने सरकार को घटिया दवाइयों के उत्पादन पर कड़ी फटकार लगाई। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील रजनीश मनिकताला ने बताया कि हिमाचल की 670 दवा निर्माता कंपनियां हैं, जिनकी दवाओं के नमूने लैब में टेस्ट किए जाते हैं। इसके बावजूद, 186 सैंपल गुणवत्ता मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं। इसके अतिरिक्त, टूथपेस्ट और हरे मटर के सैंपल भी मानकों पर खरे नहीं पाए गए हैं, जिससे राज्य में खाद्य और औषधि गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं।