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तुलसी विवाह 13 नवंबर को: जानें पूजन विधि, मंत्र और आरती के महत्व

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Tulsi Vivah 2024: भगवान विष्णु को तुलसी बहुत प्रिय है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जिस घर में प्रतिदिन तुलसी की पूजा और जल चढ़ाया जाता है, वहां दरिद्रता और दुर्भाग्य कभी वास नहीं करता। उस घर में माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा सदैव बनी रहती है। वैसे तो तुलसी जी की पूजा पूरे वर्ष करनी चाहिए, लेकिन उन्हें प्रसन्न करने के लिए कार्तिक माह बेहतर माना जाता है। इस माह में श्री हरि विष्णु की मूर्ति शालिग्राम जी और माता तुलसी का विवाह संपन्न कराया जाता है। इस बार तुलसी जी का विवाह 13 नवंबर को है। इस दिन शाम को विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर तुलसी जी का विवाह किया जाता है। विवाह के दौरान तुलसी जी की आरती और मंत्र अवश्य पढ़ना चाहिए। इससे पूजा का पूर्ण फल मिलता है। यहां से आप तुलसी विवाह की आरती और मंत्र पढ़ सकते हैं-

तुलसी माता का स्तुति मंत्र (Tulsi Mata Ka Stuti Mantra)

देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः,
नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये।। 

मां तुलसी का पूजन मंत्र  (Tulsi Mata Ka Poojan Mantra)

तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।
धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।
तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।  

तुलसी माता का ध्यान मंत्र (Tulsi Mata Ka Dhyan Mantra)

तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।
धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।
तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।  

तुलसी माता की आरती (Tulsi Mata Ki Aarti)

जय जय तुलसी माता
सब जग की सुख दाता, वर दाता
जय जय तुलसी माता ।।

सब योगों के ऊपर, सब रोगों के ऊपर
रुज से रक्षा करके भव त्राता
जय जय तुलसी माता।।

बटु पुत्री हे श्यामा, सुर बल्ली हे ग्राम्या
विष्णु प्रिये जो तुमको सेवे, सो नर तर जाता
जय जय तुलसी माता ।।

हरि के शीश विराजत, त्रिभुवन से हो वन्दित
पतित जनो की तारिणी विख्याता
जय जय तुलसी माता ।।

लेकर जन्म विजन में, आई दिव्य भवन में
मानवलोक तुम्ही से सुख संपति पाता
जय जय तुलसी माता ।।

हरि को तुम अति प्यारी, श्यामवरण तुम्हारी
प्रेम अजब हैं उनका तुमसे कैसा नाता
जय जय तुलसी माता ।।