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धर्मशाला RTO के खिलाफ HRTC का हल्ला-बोल, दफ्तर छोड़ भाग गए अधिकारी

बिट्टू सूर्यवंशी, धर्मशाला |

धर्मशाला आरटीओ के खिलाफ एचआरटीसी कर्मियों ने मोर्चा खोल दिया है। शुक्रवार को एचआरटीसी कर्मचारियों ने धर्मशाला स्थित आरटीओ के दफ्तर का घेराव किया। इस दौरान उन्होंने आरटीओ के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और प्राइवेट बस ऑपरेटरों को अवैध तरीके से फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया। 

एचआरटीसी कर्मियों का कहना है कि आरटीओ धर्मशाला ने पठानकोट वाया मंडी मनाली मार्ग पर कई ऐसे रूट परमिट जारी किए हैं, जो गैरक़ानूनी हैं। कानून को धत्ता बताते हुए प्राइवेट बस ऑपरेटरों को रूट परमिट जारी किए गए हैं। जबकि, एचआरटीसी के रूट रिन्यू नहीं किए जा रहे हैं। इनका आरोप है कि आरटीओ की ट्रांसपोर्ट माफियाओं के साथ मिलीभगत है। इस दौरान कार्यालय का घेराव होता देख आरटीओ धर्मशाला भी दरफ्तर छोड़ धीरे से खिसक लिए।

दरअसल, समाचार फर्स्ट ने भी जनवरी महीने में मंडी-पठानकोट रूट पर आरटीओ धर्मशाला द्वारा घालमेल का पर्दाफाश किया था। उस दौरान समाचार फर्स्ट ने कई दस्तावेजों की पड़ताल की थी, जिसमें नियम से बाहर जाकर प्राइवेट बस ऑपरेटरों को फायदा पहुंचाया गया था। गौरतलब है कि इस कांड में ना सिर्फ हिमाचल बल्कि पंजाब ट्रांसपोर्ट विभाग भी संलिप्त पाया गया।

एचआरटीसी कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने अनियमितताओं के संबंध में आरटीओ धर्मशाला के साथ 3 मई को शिकायत भी की थी और स्थिति सही नहीं होने की सूरत में कार्यालय का घेराव का ऐलान किया था। लेकिन, आरटीओ धर्मशाला अवैध तरीके से रूट जारी करने के मामले में दबाव की बात कर रहे हैं। बकौल एचआरटीसी कर्मचारी आरटीओ का कहना है कि उनके ऊपर सरकार की तरफ से प्राइवेट बस चालकों को रूट जारी करने का दबाव है। जबकि, कई रूटों को लेकर मामला न्यायालय में विचाराधीन है।

दरअसल, अवैध तरीके से निजी बस चालकों को रूट परमिट और टाइम-टेबल जारी करने से एचआरटीसी को करोड़ों का घाटा हो रहा है। साथ ही इससे जुड़े कर्मचारी खुद को असुरक्षित भी महसूस कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक कई बार टाइम-टेबल और रूट को लेकर एचआरटीसी और प्राइवेट बस चालकों में मारपीट तक की नौबत आई है। पठानकोट थाने में ही कई ऐसे मामलों की शिकायत दर्ज कराई गई है।