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यहां पानी के लिए मचा हाहाकार, गंदा पानी पीने को मजबूर हैं लोग

समाचार फर्स्ट |

पेयजल स्रोत सूखने से चंबा के सलूणी में द्रेकड़ी पंचायत के नेलणी गांव में पानी के लिए हाहाकार मच हुआ है। वैसे तो गांव के लोग स्वच्छ जल की तलाश में दूर दूर से पानी भर कर ले आते हैं, लेकिन बूंद-बूंद के लिए तरस रहे ग्रामीण बावडिय़ों का गंदा पानी पीने के लिए मजबूर हैं। पानी बेहद गंदा जरूर होता है लेकिन, जब गले में आग लगी हो तो पानी कैसा भी हो मजबूरनपीना ही पड़ता है। दूषित जल से गांव में बीमारी फैलने की आशंका बनी है। गांव वालों के सामने अप्रैल माह में ही यह समस्या विकराल रूप धारण कर ली है।  

विभाग दे रहा पेयजल स्रोत सूखने की दुहाई

वहीं, IPH विभाग पेयजल स्रोत सूखने की दुहाई देकर 2 दिन छोड़कर पानी दे रहा है। कुछ नलों में तो बमुश्किल 3 दिन बाद भी 20-25 लीटर पानी नसीब हो रहा है। ग्रामीण प्राकृतिक पेयजल स्रोतों का पानी पीने के लिए मजबूर हो रहे हैं। नेलणी निवासियों ने कहा कि विभाग कई दिनों से एक दिन छोड़कर पानी दे रहा था जबकि अब तो 2 दिन छोड़कर पानी नसीब हो रहा है। चौथे दिन भी ग्रामीणों को एक बाल्टी पानी नसीब नहीं हो रहा है।

संक्रामक रोगों को दे रहे न्यौता

लोग नालों और बावडिय़ों का गंदा पानी पीकर संक्रामक रोगों को न्यौता दे रहे हैं जबकि पब्लिक टैप पर तो घंटों कतार में लगकर भी एक बाल्टी पानी नसीब नहीं हो रहा है। ग्रामीण टैंकर से भी पानी खरीदने को तैयार हैं लेकिन सड़क सुविधा न होने से ऐसा भी नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि कुछ नल ऐसे हैं जिनमें खुला पानी आ रहा है और वहां पानी का दुरुपयोग भी हो रहा है। अगर विभाग हर कनैक्शन पर मीटर लगा दे तो समस्या का समाधान हो सकता है। गांववासियों ने सरकार से मांग की है कि पेयजल उपलब्ध करवाने की व्यवस्था की जाए वर्ना लोगों को प्यासे तड़पने की नौबत आ गई है।