Baba Balak Nath Temple Trust: पहले राशन घोटाला फिर बकरा निलामी पर किरकिरी और अब रोट के सैंपल फेल होने पर विवादों से घिरे उत्तरी भारत के प्रसिद्ध सिद्ध पीठ बाबा बालक नाथ मंदिर न्यास का सरकार ने पुर्नगठन कर दिया है। बीते मार्च में भंग किए गए न्यास में अब 13 गैर-आधिकारिक सदस्यों (ट्रस्टी) और 19 विशेष आमंत्रित सदस्यों को शामिल किया गया है। बीते सात महीनों से मंदिर न्यास बिना ट्रस्टियों के संचालित हो रहा था।
मार्च 2024 में न्यास को भंग करने के पीछे राजनीतिक कारण माने गए थे, जब राज्यसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस विधायकों के पाला बदलने और भाजपा में जाने का असर न्यास पर पड़ा। बड़सर विधायक इंद्रदत्त लखनपाल की पसंद के ट्रस्टियों को हटाकर कांग्रेस सरकार ने चैत्र मास मेलों से पहले न्यास भंग किया था। अब मुख्यमंत्री सुक्खू के नजदीकी और ढटवाल क्षेत्र से संबंध रखने वाले लोगों को प्राथमिकता देकर न्यास का पुनर्गठन किया गया है।
नए ट्रस्टियों में कांग्रेस प्रत्याशी सुभाष चंद ढटवालिया, अरविंद कौर, निक्का राम, पवन कालिया, नरेश लखनपाल, विपिन ढटवालिया, सुरेंद्र कुमार सोनी, रोशनल लाल चौधरी, हरि कृष्ण शर्मा, पुरूषोत्तम शर्मा, सतीश कुमार, राकेश रत्तन, और डेनी जस्वाल शामिल हैं। वहीं, विशेष आमंत्रित सदस्यों में महंत राजिंद्र गिरि, नितिन शर्मा, कमल पठानियां सहित अन्य प्रमुख नाम शामिल हैं।
न्यास पर विवाद और घोटाले
- न्यास इस वर्ष जून और नवंबर में हुए विवादों के कारण चर्चा में रहा। जून में राशन घोटाले का मामला सामने आया था, जिसमें बिना पर्ची के राशन बेचने का आरोप लगा। इस मामले में दो कर्मियों और एक दुकानदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई, लेकिन विभागीय कार्रवाई नहीं हो पाई।
- नवंबर में बकरा नीलामी में अनियमितताओं को लेकर एक कनिष्ठ सहायक को निलंबित किया गया। मामले की जांच प्रशासन और विजिलेंस विभाग कर रहे हैं। इसके अलावा, बकरा नीलामी के दिन उपसमिति को अवकाश मंजूर करने पर भी अधिकारियों से जवाब-तलब किया गया है।
मंदिर न्यास के चेयरमैन एवं एसडीएम बड़सर राजेंद्र गौतम ने कहा कि ट्रस्टियों और विशेष आमंत्रित सदस्यों की नियुक्ति हो चुकी है। उन्होंने कहा कि मंदिर में विकास कार्यों और अन्य गतिविधियों में न्यासियों की अहम भूमिका रहेगी।