Follow Us:

RTI के तहत सूचना देने के एवज में अधिकारी ने मांगे 30 लाख रुपये

समाचार फर्स्ट |

जिला मंडी के विकास खंड गोहर में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्र में गर्भधात्री और पोषाहार के संबंध में आरटीआइ से मांगी गई सूचना देने की एवज में जन सूचना अधिकारी ने आवेदक से 30 लाख रुपये एडवांस जमा करवाने को कहा है। जन सूचना अधिकारी ने आवेदक को 73,150 रुपये अतिरिक्त डाक खर्च के रूप में अग्रिम जमा करवाने की मांग की।

आवेदक ने लाखों रुपये की फीस की मांग को विभागीय गड़बडि़यां छिपाने के लिए दबाव बनाने से प्रेरित बताया है। आवेदक ने इस मामले पर जिला प्रशासन से संज्ञान लेकर जांच कराने की मांग की है।

बता दें कि चैलचौक में स्थित एक गैर सरकारी संस्था ने सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत बाल विकास परियोजना अधिकारी कार्यालय गोहर से गोहर विकास खंड में स्थित सभी आंगनबाड़ी केंद्रों का पांच साल का रिकॉर्ड मांगा था। लेकिन बाल विकास परियोजना अधिकारी कार्यालय सूचना तैयार नहीं कर पाया।

अधिकारी ने बिना सूचना तैयार किए 8 मई 2018 को संस्था के नाम पर 30 लाख रुपये और डाक का खर्च 73,150 रुपये का बिल भेज दिया। इस पत्र में जिला कार्यक्रम अधिकारी से सूचना तैयार करने के लिए 9,00,000 रुपये मांगे हैं, जबकि इसके तीन गुना से ज्यादा 30 लाख रुपये संस्था से सूचना के शुल्क के रूप में मांगे हैं।

पत्र में सूचना का इतना बड़ा मूल्य बनाने के लिए परियोजना अधिकारी ने फोटो कॉपी का मूल्य 20 रुपये प्रति पृष्ठ मांगा है। पत्र मिलने के बाद संस्था की टीम चेकबुक लेकर 14 मई को जनसूचना अधिकारी गोहर के कार्यालय में पहुंची तो पाया कि सूचना तैयार नहीं है।

इस बाबत पूछने पर जनसूचना अधिकारी ने बताया कि मांगी गई जानकारी तभी तैयार होगी जब आप 30 लाख रुपये अग्रिम जमा करवाएंगे।

संस्था के अध्यक्ष सुरेश कुमार का कहना है कि यह एक प्रकार से संस्था को सूचना न लेने के लिए विवश करने या सूचना के नाम पर डराने की कोशिश है। उन्होंने उपायुक्त से मांग की है कि मामले की जांच की जाए और संस्था को सूचना उपलब्ध करवाई जाए।