AuspiciousDay: आज पौष माह की संकष्टी चतुर्थी है, जो हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा और व्रत से समस्त बाधाओं का निवारण होता है। ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, चतुर्थी तिथि का आरंभ 18 दिसंबर को सुबह 10:07 बजे हुआ और यह 19 दिसंबर को सुबह 10:02 बजे समाप्त होगी।
ज्योतिर्विद मनोज शर्मा के अनुसार, व्रत रखने वाले श्रद्धालु सुबह स्नान के बाद भगवान गणेश की मूर्ति को हरे कपड़े पर स्थापित करें। जलाभिषेक के बाद चंदन, दूर्वा, फूल, फल, और मोदक अर्पित करें। इसके पश्चात संकष्टी व्रत कथा का पाठ करें और आरती करें। व्रत का पारण शाम को चंद्रदेव को अर्घ्य अर्पित करने के बाद किया जाएगा।
इस दिन “ॐ गं गणपतये नमः” और “श्री वक्रतुण्ड महाकाय” जैसे मंत्रों का जप करना विशेष लाभकारी माना गया है। माना जाता है कि गणेश जी की पूजा करने से सभी कार्य निर्विघ्न संपन्न होते हैं।
आज के पंचांग के अनुसार
- विक्रम संवत: 2081
- शक संवत: 1946
- नक्षत्र: पुष्य (रात 12:59 तक)
- योग: ऐन्द्र (शाम 7:34 तक)
- चंद्रमा: कर्क राशि
- विशेष व्रत: श्रीगणेश चतुर्थी