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हिमाचल विधानसभा का सातवां सत्र सफलतापूर्वक 18-21 दिसंबर तक आयोजित हुआ, जिसमें 21 घंटे 20 मिनट की कार्यवाही हुई।
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राष्ट्रीय ई-विधान एप्लिकेशन (नेवा) का शुभारंभ और ऐतिहासिक शून्य काल की शुरुआत की गई।
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सत्र के दौरान 14 सरकारी विधेयक पारित हुए और 26 समितियों के प्रतिवेदन प्रस्तुत किए गए।
Himachal Pradesh Assembly: हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने जानकारी दी कि प्रदेश की चौदहवीं विधानसभा का सातवां सत्र सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। शीतकालीन सत्र 18 दिसंबर से 21 दिसंबर तक चला, जिसमें कुल चार बैठकें हुईं। इन बैठकों की कार्यवाही लगभग 21 घंटे 20 मिनट तक चली। सत्र में सत्ता पक्ष ने 9 घंटे 30 मिनट और विपक्ष ने 8 घंटे 30 मिनट तक सार्थक चर्चा की।
20 दिसंबर को गैर-सरकारी सदस्य कार्य दिवस के रूप में मनाया गया। इस दिन तीन गैर-सरकारी संकल्प प्रस्तुत किए गए, जिनमें से एक संकल्प को वापस ले लिया गया, दूसरे पर चर्चा अगले सत्र में होगी, जबकि तीसरे पर समय की कमी के कारण चर्चा नहीं हो सकी।
इस सत्र की एक प्रमुख उपलब्धि राष्ट्रीय ई-विधान एप्लिकेशन (नेवा) का शुभारंभ रही, जो डिजिटल विधायिका की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। साथ ही, ऐतिहासिक शून्य काल की शुरुआत हुई, जिसमें लाहौल-स्पीति की महिला विधायक अनुराधा राणा ने पहला प्रश्न पूछा। शून्य काल में कुल 26 विषयों पर चर्चा की गई।
सत्र के दौरान कुल 188 तारांकित और 55 अतारांकित प्रश्नों के उत्तर सरकार ने प्रस्तुत किए। नियम 61 के तहत दो, नियम 62 के तहत तीन और नियम 130 के तहत दो विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई। 14 सरकारी विधेयकों को पारित किया गया, और विशेष उल्लेख के माध्यम से छह विषय सभा में उठाए गए।
विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर, उपमुख्यमंत्री, और संसदीय कार्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। इसके अतिरिक्त, 1020 बच्चों ने सदन की कार्यवाही देखने के लिए आवेदन किया, जिन्हें पास जारी कर यह अवसर प्रदान किया गया।