प्रदेश में लगातार हो रही बारिश से लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बारिश से सड़कों की हालत बद से बदतर हो गई है। प्रदेश में भारी बरसात से सड़कों के साथ पुलियों को भी नुकसान पहुंचा है। जगह-जगह ल्हासे गिरने से सड़क मार्ग अवरूध हो रहे हैं। इतना ही नहीं लगातार बारिश से नदियों का जलस्तर भी बड़ा हुआ है जिस से ग्रामीण लोगों को बिजली पानी की समस्या से भी जूझना पड़ रहा है।
सरकारी आंकड़ों की बात करें तो आपदा प्रवंधन बोर्ड के अनुसार सबसे ज्यादा नुकसान हिमाचल में हुआ है। प्रदेश में पिछले साल पूरी बरसात में 800 करोड़ का नुकसान हुआ था। बता दें कि अब तक के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में 500 करोड़ का नुकसान और 172 लोगों की मौत हो चुकी है।
बता दें कि, सबसे ज्यादा नुकसान सड़कों को हुआ है। पालमपुर सर्कल में 8-10 सड़कें बुरी तरह से डैमेज हुई हैं। बारिश से चंबा-तीसा मार्ग की सड़कों को भी काफी क्षति पहुंची है। कांगड़ा-चंबा में अभी सड़के बंद पड़ी हैं जिन्हें खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं।
इस बार सबसे अधिक नुकसान लोक निर्माण विभाग को हुआ है। भारी बरसात के चलते लोक निर्माण विभाग को 330 करोड़ की चंपत ,IPH को 115 करोड़ ,कृषि विभाग को 1,15,300 रूपयों का नुकसान और बिजली विभाग 3 करोड़ का नुकसान अब तक हो चुका है।
इसको लेकर आपदा प्रवंधन बोर्ड के उपाध्यक्ष राजेंदर राणा ने कहा कि प्रदेश में हुए 500 करोड़ के नुकसान की रिपोर्ट आपदा प्रवधन बोर्ड ने केंद्र सरकार को भेज दी है।