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हनुमान जी की पूजा और व्रत का विशेष महत्व – मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ और चोला अर्पण करने से मंगल दोष का निवारण।
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आज का पंचांग और शुभ-अशुभ मुहूर्त – फाल्गुन शुक्ल पंचमी तिथि, भरणी नक्षत्र और इन्द्र योग के साथ विशेष शुभ संयोग।
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राशियों पर प्रभाव – मेष राशि में चंद्रमा का गोचर साहस और पराक्रम में वृद्धि करेगा।
Panchang & Muhurat Today: आज मंगलवार का दिन विशेष रूप से हनुमान जी की पूजा और व्रत के लिए उपयुक्त माना जाता है। सनातन धर्म में इस दिन हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं। हनुमान चालीसा का पाठ करने से नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति मिलती है और जीवन में आत्मविश्वास बढ़ता है। भक्तजन इस दिन व्रत रखकर बजरंग बली को चोला चढ़ाते हैं और संकट मोचन की कृपा प्राप्त करते हैं। मंगल दोष से ग्रसित जातकों के लिए यह दिन विशेष रूप से लाभकारी होता है।
आज पंचमी तिथि है, और भरणी नक्षत्र का प्रभाव रहेगा। इन्द्र योग और बालव करण के कारण यह दिन साहस और पराक्रम में वृद्धि करने वाला रहेगा। मेष राशि में चंद्रमा का गोचर होने से आत्मबल और निर्णय क्षमता मजबूत होगी। मंगलवार के दिन यदि कोई नया कार्य शुरू किया जाए, तो उसमें सफलता मिलने की संभावना अधिक रहती है।
पंचांग के अनुसार शुभ मुहूर्तों में अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:10 से 12:57 बजे तक रहेगा, जो किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत के लिए अनुकूल माना जाता है। इसके अलावा ब्रह्म मुहूर्त और विजय मुहूर्त भी विशेष रूप से महत्वपूर्ण रहेंगे। वहीं, राहुकाल दोपहर 03:29 से 04:56 बजे तक रहेगा, इस दौरान कोई भी शुभ कार्य करने से बचना चाहिए। दिशाशूल उत्तर दिशा में रहेगा, अतः यात्रा से पहले उचित उपाय कर लेना लाभदायक रहेगा।
जो लोग हनुमान जी की पूजा करते हैं, उन्हें आज के दिन गुड़ और चने का भोग लगाना चाहिए। इसके अलावा बजरंग बाण का पाठ करना भी शुभ माना जाता है। मंगल ग्रह से जुड़े दोषों को दूर करने के लिए लाल वस्त्र धारण करना, मूंगा रत्न धारण करना, और हनुमान जी के मंदिर में जाकर लाल सिंदूर अर्पित करना शुभ रहेगा।
चंद्रमा के मेष राशि में गोचर का प्रभाव साहसिक निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाएगा और मानसिक दृढ़ता प्रदान करेगा। जो लोग किसी महत्वपूर्ण कार्य को लेकर असमंजस में थे, वे आज अधिक स्पष्टता के साथ निर्णय ले सकेंगे। इस दिन की सकारात्मक ऊर्जा का पूरा लाभ उठाने के लिए हनुमान जी की आराधना अवश्य करें और अपने कार्यों में ईमानदारी एवं समर्पण बनाए रखें।