Himachal Forest Conservation: मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मंगलवार को वन विभाग की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा करते हुए राज्य में वन क्षेत्र के विस्तार और संरक्षण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि महिला मंडलों, युवक मंडलों, स्वयं सहायता समूहों और पंचायतों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
वन संरक्षण में योगदान देने वालों को उचित मुआवजा दिया जाएगा, जिसके लिए 100 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। सरकार पौधों की जीवित प्रतिशतता के आधार पर पांच वर्षों के बाद प्रोत्साहन राशि भी प्रदान करेगी। वन क्षेत्र में 60% फलदार और चारे वाले वृक्ष लगाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि जंगली जानवरों को जंगल में ही भोजन मिल सके और किसान की फसलें सुरक्षित रहें।
वन विभाग को पौधरोपण और वनीकरण की मूल जिम्मेदारियों पर ध्यान केंद्रित करने के निर्देश दिए गए हैं। निजी उद्यमियों को वन आच्छादित क्षेत्र बढ़ाने में शामिल करने की योजना बनाई गई है, जिसमें विभाग तकनीकी सहायता प्रदान करेगा। सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि पौधों को बचाए रखने की एक प्रभावी प्रणाली विकसित की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नव-नियुक्त 2033 वन मित्रों को जल्द नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे, जिनमें 55% महिलाएं शामिल हैं। इन वन मित्रों के लिए मई के पहले सप्ताह से विशेष ओरिएंटेशन कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें उनकी भूमिकाओं और जिम्मेदारियों की जानकारी दी जाएगी। साथ ही, वर्दी और अन्य आवश्यक सामग्री के लिए 6000 रुपये की आर्थिक सहायता भी दी जाएगी।
प्रदेश में ईको-पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा 78 नई साइटों को विकसित किया जाएगा, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर मिलेंगे। कांगड़ा जिले के अंतरराष्ट्रीय ज्यूलॉजिकल पार्क बनखंडी के निर्माण कार्यों की समीक्षा की गई, जिसमें कार्य में तेजी लाने और पर्यटकों के लिए प्लेनेटेरियम तथा अन्य सुविधाएं विकसित करने के निर्देश दिए गए हैं।