सीएम सुक्‍खू ने की शाहपुर में सब-जज कोर्ट और डीएसपी कार्यालय खोलने की घोषणा

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  • मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शाहपुर के चंबी मैदान में महिला दिवस पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम में भाग लिया और महिलाओं को सम्मानित किया
  • कार्यक्रम में शाहपुर में सब-जज कोर्ट, डीएसपी कार्यालय, स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ की गईं
  • केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए, हिमाचल को अपने हक का पैसा दिलाने के लिए आवाज़ बुलंद करने की बात कही

Women Empowerment in Himachal: कांगड़ा जिले के शाहपुर विधानसभा क्षेत्र के चंबी मैदान में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की और समाज में उत्कृष्ट कार्य करने वाली 60 महिलाओं को सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री ने शाहपुर में सब-जज कोर्ट और डीएसपी कार्यालय खोलने की घोषणा की। उन्होंने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला रैत को राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल में परिवर्तित करने, गुरु रविदास भवन के निर्माण के लिए 25 लाख रुपये देने और दरीणी में जल शक्ति विभाग का नया सेक्शन खोलने का ऐलान किया। इसके साथ ही रिड़कमार में 2000 लीटर क्षमता का बल्क मिल्क कूलर लगाने और पीएचसी रिड़कमार को सीएचसी में उन्नत करने की घोषणा भी की।

स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए सिविल अस्पताल शाहपुर में ऑक्सीजन प्लांट, अल्ट्रासाउंड और डायलिसिस की सुविधा देने की बात कही। पीएचसी लंज के भवन निर्माण के लिए धनराशि आवंटित करने और सिविल अस्पताल शाहपुर व पीएचसी नागनपट में डेंटिस्ट व पीएचसी चड़ी में डेंटल हाइजिनिस्ट का पद सृजित करने का फैसला लिया गया।

मुख्यमंत्री ने राजकीय महाविद्यालय लंज में बीसीए, बीवॉक और पीजीडीसीए कोर्स शुरू करने तथा राजकीय महाविद्यालय शाहपुर और आईटीआई शाहपुर का नाम पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी के नाम पर रखने की घोषणा भी की।

महिला सशक्तिकरण को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को 33% आरक्षण देने का श्रेय पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी को जाता है। उन्होंने भूमि कानून में संशोधन, पुलिस भर्ती में महिलाओं को 30% आरक्षण देने और विधवा महिलाओं के बच्चों की शिक्षा का पूरा खर्च वहन करने जैसी योजनाओं पर भी चर्चा की।

राज्य सरकार ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना के तहत हर वर्ष 18,000 रुपये देने की योजना लागू की है। आने वाले समय में यह राशि 1,500 रुपये प्रति माह की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि हिमाचल के हक का पैसा रोका गया है। 2023 की प्राकृतिक आपदा में भारी नुकसान के बावजूद केंद्र से कोई सहायता नहीं मिली। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश के हितों की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेगी। व‍हीं सीएम के एयरपोर्ट पहुंचने पर कैबिनेट रैंक आरएस बाली व अन्‍य कांग्रेस नेताओं और कार्याकर्ताओं ने स्‍वागत किया।

मुख्यमंत्री ने शाहपुर में 30.9 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखीं


मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज कांगडा जिला के शाहपुर विधानसभा क्षेत्र में 30.9 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इनमें 11 करोड़ रुपये की लागत से ललेटा-बनु महादेव सम्पर्क मार्ग का निर्माण, 4.41 करोड़ रुपये की लागत से नेशलन हाईवे 154 से धनोटू वाया बड बस्ती सम्पर्क मार्ग और 19.86 करोड़ रुपये से भनाला-रूलैहड़ सड़क का उन्नयन शामिल है।

इसके अतिरिक्त 5.47 करोड़ रुपये से रिड़कमार-कुठारना सड़क का उन्नयन और 1.16 करोड़ रुपये से रैत (चंबी) स्टेडियम के पैविलियन ब्लॉक का निर्माण भी किया जाएगा। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने राजपूत सभा द्वारा निर्मित किए जा रहे महाराणा प्रताप भवन में पूजा-अर्चना भी की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने रोड कनेक्टिविटी में सुधार, स्थानीय विकास को बढ़ावा देने और खेल बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि लोगों को बेहतर पहुंच सुनिश्चित करने के लिए ग्रामीण सड़क नेटवर्क को सुदृढ़ करना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि यह सभी पहलें बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और राज्य के लोगों के लिए जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार करने के सरकार के दृष्टिकोण का हिस्सा हैं।

शाहपुर के विधायक केवल सिंह पठानिया ने इन विकास परियोजनाओं के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया और कहा कि यह परियोजनाएं क्षेत्र के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देंगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री लोगों के सामने आने वाली चुनौतियों से अवगत हैं और राज्य सरकार व्यावहारिक और परिणामोन्मुखी नीतियों के माध्यम से इन समस्याओं को हल करने के लिए प्रतिबद्ध है।