कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान 2016 में हुई हिमाचल पुलिस कांस्टेबल भर्ती में बड़े गड़बड़झाले की बात सामने आई है। कुछ आवेदकों की शिकायतों के बाद हाईकोर्ट के आदेश पर पुलिस मुख्यालय के स्तर पर करवाई विभागीय जांच में इसका खुलासा हुआ है। जांच में पाया गया कि शारीरिक योग्यता के मापदंड पूरा न करने के बावजूद कुछ उम्मीदवारों को न सिर्फ भर्ती परीक्षा में पास कर दिया गया, बल्कि ट्रेनिंग के बाद उनकी नियुक्ति भी कर दी गई।
डीजीपी एसआर मरडी ने प्रदेश हाईकोर्ट के निर्देश पर विभागीय जांच कराने की पुष्टि की है। सरकार के सख्त रुख के बाद पुलिस मुख्यालय अब शिमला और ऊना के संबंधित कुछ पुलिस अधिकारियों और टेस्ट में पास करने वाले डाक्टरों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की सिफारिश करने की तैयारी में है। माना जा रहा है कि जल्द ही घोटाले में शामिल अधिकारियों पर कार्रवाई हो सकती है।
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बता दें कि मामले में गड़बड़ियों की आवाज सबसे ज्यादा ऊना और शिमला जिला से उठी। जिस पर हाईकोर्ट ने खुद संज्ञान लिया और पुलिस को मामले की जांच के आदेश दिए। वहीं, नियमों के खिलाफ नौकरी पर लगे लोगों पर फैसला कोर्ट करेगा।