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मिशन-2019 फतह करने के लिए कांग्रेस ने बजाया बिगुल, बूथ स्तर पर होगी टीमों की तैनाती

पी. चंद |

प्रदेश कांग्रेस प्रभारी रजनी पाटिल के शिमला आते ही पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनाव में मिशन हिमाचल का बिगुल फूंक दिया है। पिछले चुनाव से सबक लेकर कांग्रेस ने इस बार बीजेपी का मुकाबला करने के लिए बूथ स्तर पर 11-11 सदस्यों की टीम बनाने का फैसला किया है। इन सभी को पार्टी के शक्ति एप से जोड़ा जाएगा।

यह बात प्रदेश प्रभारी रजनी पाटिल की मौजूदगी में सोमवार को यहां पार्टी मुख्यालय राजीव भवन में निकलकर आई। इस मौके पर आयोजित आमसभा की अध्यक्षता प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू ने की। सुक्खू ने कहा कि प्रदेश के सभी 75 सौ बूथों पर 11-11 सदस्यीय टीमें जल्दी ही बनाई जाएंगी। पूरे प्रदेश की इन टीमों का डाटा प्रदेश कांग्रेस के पास होगा। राहुल गांधी की ओर से लांच किए गए शक्ति प्रोजेक्ट में पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं का पंजीकरण तेज किया जाएगा।

आम सभा में दो निंदा प्रस्ताव पारित..

1. पेयजल संकट से अव्यवस्था

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में घोर पेयजल संकट के कारण पहली बार बड़े स्तर पर अव्यवस्था उत्पन्न हुई। इस पूरे मामले की प्रदेश कांग्रेस कमेटी कड़े शब्दों में निंदा करती है। देश-विदेश में शिमला की साख पर बट्टा लगा। प्रदेश की जयराम सरकार के जल संकट का समाधान करने में विफल रहने पर सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ा। इससे सरकार की प्रशासनिक क्षमता पर ही प्रश्नचिन्ह लग गया।

शिमला में गर्मियों के दौरान पहले भी पेयजल समस्या सामने आती रही है, लेकिन इतनी विकराल कभी नहीं हुई। सरकार के फेल होने से जहां पर्यटन प्रभावित हुई, वहीं पर्यटकों के सामने बदनामी भी हुई।

2. लचर कानून-व्यवस्था, हत्या और दुष्कर्म

कांग्रेस ने कहा कि प्रदेश में बीजेपी सरकार के सत्ता संभालने के बाद से अराजकता का माहौल है।असामाजिक तत्वों और अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। सरकार के पांच महीने के कार्यकाल में लगभग 70 हत्याएं और चालीस के आसपास दुष्कर्म और छेड़छाड़ की घटनाएं हो चुकी हैं।

जयराम सरकार की 180 दिनों के कार्यकाल की यही सबसे बड़ी उपलब्धि है। प्रदेश में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है। महिलाएं खुद को असुरक्षित महसूस कर रही हैं। कानून-व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा चुकी है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी सरकार की कार्यप्रणाली की कड़ी निंदा करती है।