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बड़सर में बस-अड्डे की ‘गोली’ दे दी गई, काम तो ढेला भर नहीं हुआ

नवनीत बत्ता, हमीरपुर |

इंतजार की मिसाल देखनी हो तो हमीरपुर जिले के बड़सर में आ जाइए। बड़सर स्थित महैरे में लोग 2011 से ही बस अड्डे का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन, बस अड्डा तो दूर अभी तक इसके लिए नक्शा तक नहीं बन पाया है। जबकि, इसका शिलान्यास सालों पहले कर दिया गया। आज की तारीख में परिवहन निगम ने अभी तक बस अड्डे के निर्माण के लिए न तो ड्राईंग और न ही एस्टीमेट तैयार किया है।

गौरतलब है कि मैहरे में बनने वाले बस अड्डे का शिलान्यास मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने 15 अगस्त 2011 में किया था। शिलान्यास के बाद मैहरे में तुरंत बस अड्डा बनने की उम्मीद जगी थी। लेकिन, इतने साल बीत जाने के बाद भी बस अड्डे के लिए नींव तक नहीं खोदी गई। जबकि लगभग ढ़ाई करोड़ की लागत से बनने वाले बस अड्डे के निर्माण के लिए बारह कनाल भूमि भी परिवहन विभाग के नाम हो चुकी है।

मैहरे में बस अड्डे का निर्माण न होने से वाहन चालकों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। हालत यह है कि मैहरे में हर रोज वाहनों का जमघट लगा रहता है। निजी गाडिय़ां व टैक्सियां खड़ी करने के लिए पार्किंग की सुविधा नहीं है। ऐसे में वाहनों का जमघट लगने से यातायात बाधित हो रहा है और बस चालकों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। स्थानीय लोगों द्वारा बस अड्डे के शीघ्र निर्माण की कई बार मांग की जाती रही है। लेकिन बस अड्डे का अभी तक निर्माण न होने से स्थानीय लोग अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।