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मौसम के बदले मिजाज के बाद किसानों ने शुरू की मक्की की बिजाई

पी. चंद |

हिमाचल प्रदेश में मक्की खरीफ मौसम की एक प्रमुख फसल है। हिमाचल में मक्की का उत्पादन 19.9 क्विंटल प्रति हैक्टेयर है,  जबकि राष्ट्रीय उत्पादन 17.2 क्विंटल/हैक्टेयर है। हिमाचल के निचले क्षेत्रो में बारिश होने के बाद किसानों ने मक्की की बिजाई शुरू कर दी है। कई जगह ट्रेक्टर तो कहीं पर बैलों से मक्की की बुआई की जा रही है। निचले पर्वतीय क्षेत्रों में मक्की की बिजाई 15 से 30 जून तक कर सकते है। आजकल किसान खेतों में खूब पसीना बहा रहे है।

कृषि विभाग के पास इस बार कंचन केएस 2192 एवं प्लांटजीन 2434 सहित मक्की बीज की दो अन्य हाईब्रिड किस्में आई हैं। इसके अलावा रेणुका, गिरजा, कम्पोजिट, सरताज, अर्ली, पार्वती, नवीन कम्पोजिट, हिम-123 और पॉप कॉर्न मक्की की अनुमोदित किस्में हैं।

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इसके अतिरिक्त शंकर किस्में कंचन-517, पीएससीएल -3438, 4640, कंचन-101, हिम-95 व 9572-ए भी लगा सकते हैं। किसानों की एक ही शिकायत है कि उनका मौसम ने भी समय पर साथ दे दिया है लेकिन बंदरो एवम जंगली जानवरों की समस्या उनकी फसलों को उजाड़ रही है जिसके डर से कई किसानों ने तो खेत बंजर छोड़ दिए है।