शिमला में पानी की किल्लत के चलते टूरिस्ट संख्या में भारी कमी देखने को मिल रही है। इसका सबसे ज्यादा नुक्सान होटल इंडस्ट्री को हो रहा है। शिमला होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष का कहना है कि पानी के किल्लत के चलते होटल में टूरिस्ट 50 फीसदी कम हुआ है। टूरिस्ट सीज़न होने के बावजूद भी अधिकांश होटलों के कमरे खाली पड़े हैं, जबकि जून माह में होटल के कमरे तक नहीं मिलते थे। यही नहीं, जो बुकिंग पहले हो रखी थी वे भी पानी की किल्लत के चलते कैंसिल कर दी गई।
अब शिमला में पानी की कमी नहीं रही है और सप्लाई नियमित हो रही है। एसोसिएशन ने 6 कमरों के होम स्टे योजना पर सवाल उठाए और कहा कि स्टे होम में पानी की ज्यादा ख़पत होती है। बदले में होम स्टे से किसी तरह का टैक्स तक नहीं लिया जाता, इसलिए रेसिडेंशियल शहरी क्षेत्रों में होम स्टे पर पर बैन लगना चाहिए। शिमला में 200 के क़रीब होम स्टे चल रहे है, जबकि इनमें 96 पंजीकृत है और बाकि अवैध रूप से चल रहे है।
ग़ौरतलब है कि शिमला जिला में 425 से अधिक होटल हैं, जिनमें 268 पंजीकृत होटल हैं। 2010 तक होटलों की संख्या क्रमशः 300 ओर 160 थी, जबकि शिमला में 650 से अधिक ट्रैवल एजेंसी, 114 से अधिक रेस्टोरेंट औऱ करीब 305 टूरिस्ट गाइड हैं। अब टूरिस्ट संख्या में घाटा आने से इसका खासा नुक्सान सभी को भुगतना पड़ रहा है।